उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा और सदस्य रजनी त्रिपाठी का कार्यकाल सोमवार को पूरा हो जाएगा। अध्यक्ष व सदस्य का कार्यकाल पूरा होने के बाद आयोग में छह सदस्यों के सापेक्ष मात्र दो सदस्य बचेंगे जबकि कोरम पूरा होने के लिए अध्यक्ष समेत कम से कम तीन सदस्यों का होना अनिवार्य है। ऐसे में प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती भी अधर में फंसती नजर आ रही है क्योंकि शासन ने अब तक अध्यक्ष या सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं की है।
सोमवार को यदि अध्यक्ष और सदस्य का कार्यकाल बढ़ता है तो भर्ती शुरू हो सकेगी क्योंकि 1017 असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र तैयार हो चुका है। अन्यथा की स्थिति में अभ्यर्थियों को इंतजार करना पड़ेगा। सोमवार को अध्यक्ष व एक सदस्य का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रो. राजनारायण और प्रो. विनोद कुमार बचेंगे। इनका कार्यकाल 27 दिसंबर 2026 को पूरा होगा।
मुकदमों की पैरवी पर भी पड़ेगा असर
अध्यक्ष, सदस्यों के चार पद खाली होने के बाद हाईकोर्ट में लंबित असिस्टेंट प्रोफेसर समेत अन्य विवादों की पैरवी पर भी असर पड़ेगा। हाल ही में पांच विषयों के संशोधित परिणाम में सफल 17 अभ्यर्थियों का मामला भी कोर्ट के विचाराधीन है। पैरवी न होने से अभ्यर्थियों को नुकसान होगा। सचिव का काम भी उपसचिव डॉ. शिवजी मालवीय प्रभारी के तौर पर देख रहे हैं। अध्यक्ष के जाने पर निर्णय लेने में विलंब होगा। हर छोटे-बड़े काम के लिए शासन की अनुमति का इंतजार करना होगा।