लखीमपुर खीरी। यूपी बोर्ड ने नकल पर नकेल कसते हुए 16 फरवरी से शुरू हो रहीं बोर्ड परीक्षा में 50 फीसदी कक्ष निरीक्षक संबंधित केंद्र के बाहर से रखने के निर्देश दिए हैं। परीक्षा के दिन जिस विषय का पेपर होगा, उस दिन संबंधित विषय के शिक्षक कक्ष निरीक्षक की जिम्मेदारी से दूर रहेंगे। डीआईओस कार्यालय पर कक्ष निरीक्षकों का डाटा जुटाकर अलग तैनात करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उधर, नकल रोकने के लिए मंडलीय छापामार दल गठित कर दिया गया है।
16 फरवरी से यूपी बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। इनको लेकर डीआईओएस कार्यालय पर तैयारियां तेज हो गई हैं। शासन के निर्देेशानुसार, कक्ष निरीक्षकों को लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार परीक्षा में 50 फीसदी कक्ष निरीक्षक दूसरे विद्यालय के लगाए जाएंगे। केवल संबंधित विद्यालय के वही शिक्षक कक्ष निरीक्षक बनाए जाएंगे, जिनका रिकार्ड बेहतर होने के साथ परीक्षा कराने का अनुभव होगा। साथ ही यदि किसी शिक्षक की ड्यूटी केंद्र व्यवस्थापक के रूप में लगी है, वह जानबूझकर ड्यूटी कटवाने या फिर बिना सूचना के गैर हाजिर रहता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक कमरे में 40 विद्यार्थियों पर दो कक्ष निरीक्षक लगाए जाएंगे। इसके अलावा यदि किसी कक्ष निरीक्षक का पाल्य उस केंद्र पर परीक्षा दे रहा है तो उसको ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। इसके लिए विभाग की तरफ से शिक्षकों से शपथ पत्र लिए जाएंगे।
यूपी बोर्ड : चार मंडलीय सचल दल गठित
मंडलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी दिनेश कुमार जायसवाल ने बताया कि 16 फरवरी से चार मार्च तक चलने वाली बोर्ड परीक्षाओं को लेकर मंडल के सीतापुर, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, हरदोई, रायबरेली, लखनऊ जिले में नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए जेडी लखनऊ सुरेंद्र कुमार तिवारी ने चार मंडलीय सचल दल गठित किए हैं। इसमें एक दल के वह स्वयं प्रभारी होंगे, जबकि अन्य टीमों के लिए डीडीआर लखनऊ मंडल ओम प्रकाश मिश्र, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ मंडल श्याम किशोर तिवारी, मंडलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी लखनऊ मंडल डॉ. दिनेश कुमार को बनाया है। प्रत्येक सचल दल में दो पुरुष व दो महिला सदस्य रहेंगी।
बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षक तैनात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शासन के निर्देशानुसार ही निरीक्षक लगाए जाएंगे।
- महेंद्र प्रताप सिंह, डीआईओएस