केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार तीन बड़े कानूनों में आमूल चूल परिवर्तन करने जा रही है। इनमें आईपीसी (भारतीय दंड संहिता), सीआरपीसी (अपराध प्रक्रिया संहिता) और साक्ष्य अधिनियम शामिल हैं। गृहमंत्री किंग्सवे कैंप में दिल्ली पुलिस के 76वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे।
शाह ने कहा, दिल्ली देश का पहला शहर बनेगा, जहां किसी भी मामले की फॉरेंसिक जांच तुरंत होगी। देशभर में फॉरेंसिक विज्ञान का विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा छह साल से ज्यादा सजा वाले अपराध में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य की जाएगी। इसके लिए युवाओं की जरूरत होगी।
कश्मीर में बदलाव आया केंद्रीय गृहमंत्री ने यह भी कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है और पर्यटन को बढ़ावा मिला है। आए दिन होने वाले पथराव, जुलूस और बंद की घटनाओं की जगह आज पूरा कश्मीर लाखों सैलानियों की आवभगत में जुटा है।
उग्रवाद सिमटाशाह ने जोर देकर कहा कि पूर्वोत्तर में चरमपंथ और उग्रवाद की घटनाओं में भी उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है।
इनमें बदलाव होगा
- सीआरपीसी इस कानून का इस्तेमाल आपराधिक न्याय प्रक्रिया के लिए होता है।
- आईपीसी इस कानून का प्रयोग अपराधी को दंड देने के लिए किया जाता है।
- साक्ष्य अधिनियम इस कानून का उद्देश्य साक्ष्य को एकत्र करके पेश करना होता है।