प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्राइमरी स्कूल अध्यापकों के अंतर्जनपदीय तबादले की मांग में दाखिल याचिका पर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज से दस दिन में जानकारी मांगी है। याचिका की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने लोकेश पति त्रिपाठी व 182 अन्य अध्यापकों की याचिका पर दिया है। याचिका सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, सोनभद्र के प्राइमरी स्कूल के अध्यापकों ने दायर की है।इनका कहना है कि बेसिक शिक्षा (अध्यापक सेवा) नियमावली-1981 के नियम 21 के तहत याचियों को अंतर्जनपदीय तबादला पाने का अधिकार है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 आने के बाद बेहतर स्थिति हो गई है। राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा निदेशक, लखनऊ व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज को शिकायत निवारण समिति गठित करने का आदेश दिया है।गठित समिति की बैठक भी हुई किंतु कोई निर्णय नहीं हो सका। इसलिए तबादले पर निर्णय लेने का निर्देश दिया जाए। सरकारी अधिवक्ता ने संबंधित जिलों के बीएसए को याचिका में पक्षकार न बनाए जाने के कारण याचिका की ग्राह्यता पर आपत्ति की, किंतु कोर्ट ने अंतर्जनपदीय तबादले की मांग पर परिषद के सचिव से जानकारी मांगी है।
अध्यापकों के वेतन न रोकने के शासनादेश के तहत बीएसए को आदेश देने का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय पेंशन स्कीम न लेने वाले अध्यापकों के वेतन रोकने के मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जौनपुर को 27 जनवरी 23 को जारी शासनादेश के तहत विचार कर छह हफ्ते में आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। इस शासनादेश से नई पेंशन स्कीम न लेने वाले अध्यापकों के वेतन न रोकने का आदेश दिया गया है। याचिका इस शासनादेश के विपरीत नई पेंशन स्कीम न लेने पर याचियों के वेतन रोकने को चुनौती दी गई थी। यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने जौनपुर के प्राइमरी स्कूलों के सौरभ ज्योति वह 23 अन्य अध्यापकों की याचिका पर दिया है।