गोंडा। परिषदीय स्कूलों में लापरवाही पर निलंबित होने वाले शिक्षकों की बहाली में कई बदलाव हुए हैं। अभी तक नियमों के पेंच से बहाली के बाद शिक्षक फिर पुराने स्कूलों में ही तैनाती पा जाते थे। अब दंड तय करके उनको बंद या एकल स्कूलों में भेजा जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन रहेगी। परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों पर अक्सर बगैर किसी सूचना के स्कूलों से गायब रहने का आरोप लगता रहता है।
जांच में आरोप सही भी पाए जाते हैं। अधिकारियों के निरीक्षण में भी शिक्षकों की गैरहाजिरी चर्चा का विषय होती है। बता दें कि स्कूलों में भेजी जाने वाली धनराशि के खर्च में अनियमितता का आरोप आम है। इसके अलावा शिक्षकों की मनमानी के कारण स्कूलों में विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। इन स्थितियों में शिक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई होती है।
जिले में बीते महीनों में 35 शिक्षक निलंबित हुए थे। जिसमें 26 शिक्षक बहाल किए जा चुके हैं। नियम न होने से 25 शिक्षक अपने पुराने स्कूलों में तैनाती पा चुके हैं, सिर्फ एक शिक्षक ही बंद स्कूल में भेजे जा सके हैं। अब दंड सहित बहाल होने वाले शिक्षकों को ऑनलाइन प्रक्रिया से विद्यालय आवंटित होगा।
दंड सहित बहाली में ऐसे होगी तैनातीयदि किसी शिक्षक को जांच के बाद उप्र बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी वर्ग नियमावली 1973 के अनुसार दंड संख्या-एक के साथ बहाल किया जाता है तो उसे मूल विद्यालय नहीं मिलेगा। ऐसे शिक्षक को उसी विकासखंड के ऐसे विद्यालय में ऑनलाइन तैनाती दी जाएगी, जहां आरटीई मानकों के अनुसार जरूरत है। यदि किसी शिक्षक को जांच के बाद नियमावली के दंड संख्या 2-6 (एक या अधिक) के साथ बहाल किया जाता है तो उसे जिले के शून्य अध्यापक वाले विद्यालय में भेजा जाएगा। यदि शून्य अध्यापक वाला विद्यालय नहीं है तो एकल अध्यापक वाले विद्यालय में भेजा जाएगा। यदि एकल अध्यापक वाला विद्यालय भी नहीं है तो आरटीई मानकों के अनुसार सबसे अधिक आवश्यकता वाले विद्यालय में तैनाती होगी।
नए नियमों का पालन करेंगे शासन के नियमों के तहत ही शिक्षकों के बहाली पर निर्णय होता है। नए नियमों का पालन किया जाएगा।
अखिलेश प्रताप सिंह, बीएसए