आरटीई के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के मुफ्त दाखिले की प्रक्रिया छह फरवरी से शुरू हो रही है। निजी विद्यालयों की मैंपिंग हो रही है, ताकि वेबसाइट पर सूची अपलोड की जाएगी। दाखिले के लिए अभिभावकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
मैपिंग का काम पूरा होते ही विद्यालयों के नाम, पता आरटीई पोर्टल पर अपलोड कर दिए जाएंगे। ताकि अभिभावक बच्चों के दाखिले के लिए आवेदन कर सकें। नए परिसीमन के मुताबिक, शिक्षा का अधिकार के तहत जिले में 1422 चिह्नित किए गए हैं। अब तक 1205 विद्यालय पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अरविंद पाठक ने बताया 100 से ज्यादा विद्यालयों ने पंजीकरण नहीं कराया है। विद्यालयों को नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई है।
अल्पसंख्यक स्कूलों के प्रमाण पत्र के आगे विभाग लाचार
जिले के 18 स्कूलों ने अल्पसंख्यक संस्थान होने का दावा कर खुद को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के दायरे से बाहर कर रखा है। इन स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर बच्चों को प्रवेश नहीं मिल रहा है। दूसरी ओर शिक्षा विभाग के अधिकारी भी नियमों से बंधे होने का हवाला दे रहे हैं। उनका कहना है कि नियमों के तहत अल्पसंख्यक स्कूलों में प्रवेश नहीं दिलाया जा सकता है।
पिछली बार 7 हजार छात्रों को मिला दाखिला
आरटीई के तहत पिछले सत्र में जिले के 1104 निजी स्कूलों में कुल 9153 आरक्षित सीट पर 18 हजार से अधिक बच्चों ने दाखिले के लिए आवेदन किया था। 14 हजार आवेदन चयनित किए गए और सत्यापन प्रक्रिया के बाद सात हजार पात्र बच्चों को दाखिला मिला।