लखनऊ : बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में कर्मचारियों की कमी से परियोजनाओं की रफ्तार धीमी हो गई है। निदेशालय ने विभाग में रिक्त 4776 पदों को भरने का प्रस्ताव करीब सालभर पहले भेज दिया था, लेकिन शासन स्तर से अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। शासन की सुस्ती से सबसे ज्यादा असर कुपोषित बच्चों व माताओं के पोषण कार्यक्रम पर पड़ रहा है।
विभाग में विभिन्न संवर्गों में कुल 9,068 पद हैं। इनमें से 4,776 (52.67 फीसदी) पद रिक्त हैं। सहायक सांख्यिकीय अधिकारी के स्वीकृत 222 पदों में से सिर्फ एक पद ही भरा है। इसी तरह कनिष्ठ सहायकों के स्वीकृत 1,233 पदों में से 964 पद (78.18 प्रतिशत) खाली हैं। मुख्य सेविकाओं के भी 46.57 प्रतिशत पद खाली हैं। इससे ब्लॉक स्तर पर संचालित होने वाली पोषण की अधिकांश परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
रिक्त पदों पर भर्ती प्रस्ताव यूपीएसएसएससी और उप्र लोक सेवा आयोग को भेजा जा रहा है। कुछ पदों के लिए अधियाचन भेजा जा चुका है और कुछ का अधियाचन जल्द भेज दिया जाएगा।
- अनामिका सिंह, सचिव, महिला कल्याण एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग