15 साल से अधिक आयु के निरक्षरों को साक्षर बनाने की मुहिम में प्रयागराज समेत प्रदेश के मात्र नौ जिलों ने रुचि दिखाई है। भारत सरकार ने एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2027 तक नव भारत साक्षरता कार्यक्रम नाम से नवीन योजना का निर्णय लिया। इसके तहत सभी जिलों में 15 साल से अधिक आयुवर्ग के निरक्षरों (विशेषकर महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों, दिव्यांगजनों आदि) को चिह्नित करने के बाद साक्षर किया जाना है।
शासन की ओर से 22 दिसंबर से 31 जनवरी तक पांच बार बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर एप के माध्यम से सर्वे कराने का आदेश दिया गया। लेकिन अब तक मात्र नौ जिलों मुरादाबाद, सीतापुर, प्रयागराज, रामपुर, उन्नाव, फर्रुखाबाद, आजमगढ़, फैजाबाद व बुलंदशहर में संतोषजनक काम हो सका है। तीस जिलों में सर्वे का काम तो शुरू हो गया है लेकिन प्रगति संतोषजनक नहीं है। जबकि 36 जिलों में सर्वे का काम भी शुरू नहीं हो सका है। उप निदेशक साक्षरता वैकल्पिक शिक्षा, उर्दू एवं प्राच्य भाषाएं शंभूनाथ सिंह ने सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक और बीएसए को पत्र लिखकर चेतावनी दी है। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी का कहना है कि प्रयागराज में सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही सर्वे पूरा करते हुए साक्षरता अभियान को शुरू करना है।
प्रयागराज में अब तक 2790 निरक्षर चिह्नित
जिले में 15 से अधिक आयु के अब तक 2790 निरक्षर चिह्नित किए जा चुके हैं। मुरादाबाद में सर्वाधिक 7131 और सीतापुर में 5589 निरक्षर चिह्नित किए जा चुके हैं। रामपुर 1902, उन्नाव 1410, फर्रुखाबाद 1204, आजमगढ़ 1188, फैजाबाद 1093 और बुलंदशहर में 943 निरक्षर चिह्नित किए गए हैं।