यूपी बोर्ड परीक्षा में बीमारी का बहाना बनाकर शिक्षकों को ड्यूटी से छुटकारा नहीं मिल पाएगा। इसके लिए सीएमओ द्वारा जारी किया गया चिकित्सकीय प्रमाणपत्र ही स्वीकृत किया जाएगा। डीआईओएस ने सभी प्रधानाचार्यों व केंद्र व्यवस्थापकों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं।
यूपी बोर्ड परीक्षा में करीब तीन हजार कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई जानी है। जबकि माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास राजकीय व एडेड विद्यालयों के करीब 1200 से ही शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। अब बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग से शिक्षकों की सूची मांगी गई है।
ऐसे में काफी शिक्षक-शिक्षिकाएं ड्यूटी से बचने के लिए बीमारी का बहाना बनाते हैं, लेकिन इस बार उनका बहाना चलने वाला नहीं है। अगर उनके द्वारा कोई बीमारी बताई जाती है तो उसका प्रमाणपत्र सीएमओ द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड देगा।
डीआईओएस रीतू गोयल ने बताया कि परीक्षा के सफल संचालन के लिए परीक्षा आरंभ होने से पूर्व यदि कोई प्रधानाचार्य, शिक्षक-शिक्षिका चिकित्सीय अवकाश के लिए आवेदन करते हैं, तो प्रधानाचार्य द्वारा चिकित्सीय अवकाश की संस्तुति करने के पूर्व इस संबंध में परीक्षण कर लिया जाए। मुख्य चिकित्साधिकारी के पास उनकी अस्वस्थता की पुष्टि कराने और चिकित्सा आवेदन पत्र को प्रति हस्ताक्षरित करने के लिए भेजा जाए। मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र के आधार पर ही चिकित्सीय अवकाश मान्य होगा।