सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चैट या वेबिनार में आमंत्रित किये जाने पर पुलिस कर्मियों को उसमें भाग लेने से पूर्व अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
ड्रिल वीडियो गोपनीय
डीजीपी ने कहा है कि थाना, पुलिस लाइंस या कार्यालय के निरीक्षण तथा पुलिस ड्रिल या फायरिंग में भाग लेने के लाइव टेलीकास्ट से संबंधित वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करना गोपनीयता का उल्लंघन है।
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक डॉ. डीएस चौहान ने सभी पुलिसकर्मियों के लिए सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया के व्यक्तिगत प्रयोग पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग पुलिसकर्मी के बहुमूल्य समय को नष्ट करता है। इस कारण राजकीय एवं विभागीय हित में इसे प्रतिबंधित किया गया है। निर्देशों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पॉलिसी जारी डॉ. चौहान ने बुधवार को प्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी जारी कर दी। उन्होंने कहा कि पूर्व में जारी सोशल मीडिया पॉलिसी और कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करते हुए सरकारी कार्य के दौरान बावर्दी अशोभनीय वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करने के मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है। इसके तहत कार्यालय एवं कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो या रील्स इत्यादि बनाने अथवा किसी भी कार्मिक द्वारा अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट को भी प्रतिबंधित किया गया है।
डीजीपी ने कहा कि ड्यूटी के बाद भी बावर्दी किसी भी प्रकार का ऐसा वीडियो या रील जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।