सहारनपुर। यूपी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन कराने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। कक्ष निरीक्षक ही नकल की वजह न बनें। ऐसे में बोर्ड ने कक्ष निरीक्षकों की तैनाती के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। यदि किसी केंद्र पर किसी शिक्षक का परिजन या रिश्तेदार परीक्षा दे रहा है तो उक्त शिक्षक वहां कक्ष निरीक्षक या अन्य तौर पर ड्यूटी नहीं कर सकेगा। कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाने में चौकसी बरतने के निर्देश जिला विद्यालय निरीक्षकों को दिए गए हैं।
आगामी 16 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की दसवीं और 12वीं की परीक्षाओं के लिए जनपद में 98 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर कक्ष निरीक्षक की तैनाती के लिए माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग से भी शिक्षक लिए जाएंगे। बोर्ड ने एक कक्ष में अधिकतम 40 परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था करने के लिए कहा है। प्रत्येक कक्ष में दो कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी रहेगी। यदि कक्ष बड़ा है और वहां 40 से अधिक परीक्षार्थी बिठाए गए हैं तो दो की जगह तीन कक्ष निरीक्षकों की तैनाती होगी। किसी भी शिक्षक को उसके अनुरोध पर उसके मनचाहे केंद्र पर कक्ष निरीक्षक न बनाया जाए, क्योंकि यह संदेह पैदा करता है। इसके अलावा यदि किसी केंद्र पर किसी शिक्षक का परिजन या रिश्तेदार छात्र परीक्षा दे रहा है तो उक्त केंद्र पर किसी भी हालत में शिक्षक को कक्ष निरीक्षक न बनाया जाए। इस मामले में कड़ी चौकसी बरतने को कहा गया है।
छात्राओं के केंद्र पर महिला कक्ष निरीक्षक
यूपी बोर्ड परीक्षाओं में करीब 40 से 45 फीसदी छात्राएं परीक्षा देंगी। कई केंद्र केवल छात्राओं के लिए रहते हैं। छात्राओं को किसी प्रकार की असहजता महसूस न हो। इसके लिए बोर्ड ने छात्राओं के केंद्र पर महिला शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक के रूप में प्राथमिकता देने को कहा है। छात्राओं की तलाशी भी केवल महिला शिक्षक ही ले सकेंगी।
बोर्ड परीक्षाओं को नकलविहीन कराना पहली प्राथमिकता है। इसके लिए विभाग शासन और बोर्ड के आदेशों का अनुपालन कर सभी जरूरी कदम उठा रहा है। कक्ष निरीक्षकों की तैनाती बोर्ड के आदेश के अनुरूप ही की जा रही है।
योगराज सिंह, प्रभारी, जिला विद्यालय निरीक्षक।