यूपी बोर्ड परीक्षा 16 फरवरी से शुरू हो रही है। विद्यार्थियों में तैयारी और अच्छे अंक लाने का तनाव है तो शिक्षक परीक्षा ड्यूटी के तनाव से गुजर रहे हैं। कक्ष निरीक्षकों की सूची से नाम कटवाने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाए जा रहे हैं। शिक्षकों ने नेताओं और अफसरों के जरिए दबाव भी बनाना शुरू कर दिया है।
यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए जिले में लगभग 4500 शिक्षकों की कक्ष निरीक्षक, पर्यवेक्षक, कंट्रोल रूम और उड़ाका दल में ड्यूटी लगाई गई है। इनमें 2880 बेसिक स्कूलों के शिक्षक हैं। शेष माध्यमिक स्कूलों से हैं। अब ड्यूटी से बचने के लिए शिक्षक बीमारी से लेकर वैवाहिक समारोह तक का हवाला दे रहे हैं। डीआईओएस कार्यालय में इन दिनों शादी के कार्ड और मेडिकल सर्टिफिकेट का अंबार लगा हुआ है। अब तक आ चुके एक हजार से ज्यादा प्रार्थना पत्रों में कोई न कोई कारण बताया गया है। ड्यूटी चार्ट तैयार कर रहे कर्मचारियों से व्यक्तिगत सेटिंग के साथ नेताओं व अफसरों की पैरवी करवा कर भी शिक्षक ड्यूटी कटवाने की जुगत में हैं।
डीआईओएस गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि उन्हीं शिक्षकों को ड्यूटी से मुक्त किया गया है, जिन्हें वाकई समस्या है। शिक्षकों को बताया गया है कि परीक्षा इस बार चार मार्च को समाप्त हो जाएगी। इसलिए 16 दिन के लिए अपनी जिम्मेदारी से न भागें।
स्टेटिक मजिस्ट्रेट मांग रहे आधिकारिक आदेश
वाराणसी। बोर्ड परीक्षा में शिक्षक ही नहीं बल्कि अधिकारी वर्ग भी ड्यूटी से भागने के फेर में पड़ा है। डीआईओएस गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि परीक्षा में एक दिन का समय शेष है और अब तक किसी स्टेटिक मजिस्ट्रेट ने कार्यालय में संपर्क नहीं किया। फोन से पूछने पर वह आधिकारिक सूचना मांग रहे हैं जबकि जिलाधिकारी का हस्ताक्षरित आदेश उन्हें दिया जा चुका है। डीआईओएस ने बताया कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा के आदेशानुसार ड्यूटी ने गैरहाजिर रहने वाले स्टेटिक मजिस्ट्रेटों का इस बार वेतन काटा जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय रिपोर्ट भी दी जाएगी।