प्रयागराज
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत स्थायी सेवानिवृत्ति लेखा नंबर पंजीकृत नहीं कराने वाले प्राइमरी स्कूल के अध्यापकों का वेतन रोकने संबंधी आदेशों की संवैधानिकता की चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका को सुनवाई के लिए 27 मार्च को पेश करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति राजेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने कुशीनगर के विनोद कुमार व 45 अन्य प्राइमरी स्कूल के सहायक अध्यापकों व प्रधानाध्यापकों की याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बहस की। याचिका में कहा गया है कि 28 मार्च 2005 का शासनादेश, 22 दिसंबर 2022 व 16 दिसंबर 2022 को जारी मनमाने, विधि विरुद्ध आदेशों को संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 23 व अनुच्छेद 300 ए के प्रतिकूल घोषित किया जाए। इससे पहले इन्हीं आदेशों की वैधता की चुनौती याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने एनपीएस न लेने वाले अध्यापकों का वेतन नहीं रोकने के निर्देश देते हुए जवाब मांगा है।