बाराबंकी के एक कॉलेज में छात्राओं से अश्लीलता व अमर्यादित व्यवहार करने वाला शिक्षक को निलंबित कर दिया गया। छात्राओं की गुहार पर डीआईओएस ने कॉलेज प्रबंधक व प्रधानाचार्य को समिति गठित कर मामले की जांच कराने के निर्देश दिए थे। महिला टीचरों की समिति ने पीड़ित छात्राओं से मिलकर प्रकरण की जांच की तो छात्राओं ने लिखित तौर पर शिकायतों की पुष्टि की। इसी के बाद कालेज प्रबंध समिति द्वारा संबंधित टीचर को निलंबित कर दिया।
विश्वनाथ पाल, नेशनल इंटर कालेज में बतौर अंग्रेजी शिक्षक तैनात हैं। दिसंबर 2022 में कॉलेज की कई छात्राओं ने प्रिंसिपल तथा प्रबंध तंत्र से पाल पर कक्षाओं में अश्लीलता तथा गलत व्यवहार करने का आरोप लगाया था। शिकायती पत्र डीआईओएस को भी भेजा गया। डीआईओएस ने 15 जनवरी को महिला जांच समिति गठित कर जांच कराने के निर्देश दिए। जिस पर राजकीय बालिका इंटर कालेज की एक प्रवक्ता , संबंधित कालेज की एक प्रवक्ता व सहायक अध्यापक तथा एक छात्रा की चार सदस्यीय समिति गठित की गई। समिति ने जांच की तो सभी आरोप सही पाए गए। छात्राओं ने लिखित रूप में भी आरोपों की पुष्टि की।
उधर संबंधित शिक्षक विश्वनाथ पाल ने पल्ला झड़ते हुए शिकायतों के संज्ञान में न होने की बात कही। 24 जनवरी डीआईओएस ने प्रबंधक व प्रधानाचार्य को पत्र जारी किया जिसमें गठित समिति की जांच आख्या, जांच रिपोर्ट के प्रति कालेज प्रबंधन की राय तथा संबंधित शिक्षक का स्पष्टीकरण लेकर हफ्ते भर में आख्या भेजने की बात कही।
31 जनवरी को कालेज प्रबंधक ने डीआईओएस को पत्र भेजा जिसमे जांच समिति की रिपोर्ट हवाला देते हुए छात्राओं के आरोप सत्य पाए जाने की बात कही गई। चार फरवरी 23 को कालेज प्रबंध समिति की आपात बैठक संपन्न हुई।जिसमें सत्य पाए गए आरोपों की जांच के लिए प्रबंधक को अधिकृत किया गया। जांच पूरी होने तक आरोपी शिक्षक विश्वनाथ पाल को निलंबित कर दिया गया। उसे कालेज के गणित प्रवक्ता के साथ सम्बद्ध किया गया है। पूछताछ में कालेज प्रबंधक ने बताया कि अध्यापक द्वारा छात्राओं से अश्लीलता करने की पुष्टि हुई है जिस पर नियमानुसार कार्रवाई की गई। डीआईओएस ओपी त्रिपाठी ने मामले को बेहद गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि प्रबंध समिति की आख्या मिलते ही मामले में तत्काल कार्रवाई की जाएगी।