मऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में इन दिनों फर्जी शिक्षकों की तलाश के लिए जांच तेजी से चल रही है। पहले ही फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे 56 शिक्षकों की बर्खास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है। अब 15 और शिक्षकों की सेवा समाप्ती पर तलवार लटक रही है। सभी के प्रमाणपत्र, नियुक्ति पत्रावलियों की जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद फर्जी शिक्षक की पुष्टी होने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई करते हुए मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति में फर्जीवाड़ा की जड़ें बेहद गहरी हैं। पूर्व में शिक्षक भर्ती में सबसे अधिक सहायक अध्यापक जिले के प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति हुई है। जालसाजों ने विभाग की मिलीभगत से कूट रचित दस्तावेजों से अपनी भर्ती करा लिए और योग्य उम्मीदवार चयन से बाहर हो गए। नियुक्ति में भ्रस्टाचार के बड़े पैमाने पर आशंका देख शासन के निर्देश पर बीएसए ने जांच शुरू किया। इसमें बड़ी संख्या में जिले में फर्जी शिक्षक मिले। बीएसए डॉ.संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पहले ही 56 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं जांच के दायरे में चल रहे 15 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की निष्पक्षता से जांच कराई जा रही है। जांच में अगर प्रमाण पत्र फर्जी मिलते हैं तो बर्खास्त कर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इस बीच जो शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं उनसे अब रिकवरी की तैयारी भी तेजी से चल रही है।
प्रमाण पत्र में हेराफेरी की शिकायत मिली है : अधिकारी
15 शिक्षकों के विरुद्ध प्रमाण पत्र में हेराफेरी कर नौकरी लेने की शिकायत मिली है। जिस पर जांच कराई जा रही है। सत्यापन रिपोर्ट मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी तक 56 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। सभी बर्खास्त शिक्षकों से वेतन की भी रिकवरी की कार्रवाई चल रही है।
डॉ.संतोष कुमार सिंह, बीएसए