लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना पीएम श्री में चयनित प्रदेश के 1753 स्कूल कौशल विकास केंद्र के रूप में विकसित किए जाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप इनमें अत्याधुनिक कोर्स, स्मार्ट क्लास और डिजिटल कंटेंट के जरिए विद्यार्थियों का बहुमुखी विकास किया जाएगा।
प्रमुख सचिव बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने बताया कि योजना में बजट का 70 फीसदी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए और 30 फीसदी निर्माण कार्य में खर्च होगा। चयनित स्कूलों में पानी, शौचालय, बाउंड्री जैसी मूलभूत सुविधाएं पहले से हैं। अब विद्यार्थियों की संख्या के अनुरूप क्लास, शिक्षक, इंटर तक के स्कूल में पर्याप्त लैब, कंप्यूटर लैब और खेल मैदान जैसी व्यवस्थाओं के लिए परीक्षण किया जाएगा। चयनित स्कूलों में कौशल विकास के लिए स्मार्ट क्लास भी चलेंगी। साथ ही अप्रेंटशिप रोबोटिक इंजीनियरिंग समेत यहां आत्मरक्षा के भी सिखाए जाएंगे। ताकि यहां के विद्यार्थी न सिर्फ रोजगार के लिए तैयार हों बल्कि अपना रोजगार शुरू करने के लिए पूरी तरह से दक्ष हो सकें ।
योजना में प्रत्येक जिले के ग्रामीण व शहरी ब्लॉक से दो-दो स्कूलों का चयन कर बजट देकर उन्हें कौशल विकास केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। का चयन कड़ी प्रतियोगिता के आधार पर किया गया है। इसमें प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के 57 हजार स्कूलों में से निर्धारित बेंच मार्क पूरा करने वालों को ही लिया गया है। माना जा रहा है कि जो विद्यालय छूटे हैं, उनका चयन दूसरे चरण में किया जा सकता है।
लखनऊ में इन विद्यालयों का हुआ चयन: अमीनाबाद इंटर कॉलेज, वीरांगना ऊदादेवी गर्ल्स इंटर कॉलेज माल, जेएचएस इटौंजा, बेसिक स्कूल काकोरी, बेसिक स्कूल निगोहा, बेसिक स्कूल खुशहालगंज, बेसिक स्कूल पान खेड़ा, बेसिक स्कूल मेसा, बेसिक स्कूल कुरौनी, बेसिक स्कूल लोहना, बेसिक स्कूल बाजार गांव, बेसिक स्कूल जुग्गौर, प्राथमिक स्कूल महौली, प्राथमिक स्कूल बर्फखाना ठाकुरगंज, बेसिक स्कूल दिलावर नगर एक, प्राथमिक स्कूल रहीमाबाद-दो, प्राथमिक स्कूल अर्जुनपुर-प्रथम