निचलौल। परिषदीय स्कूलों में फर्जी अध्यापकों को रोकने के लिए बेसिक शिक्षा स्कूल महानिदेशक ने छह माह पहले सभी स्कूलों के मुख्य गेट पर हमारे शिक्षक का बोर्ड लगाने के लिए जिम्मेदारों को निर्देशित किया था। लेकिन ये निर्देश हवाहवाई साबित हुए हैं। कारण यह कि सत्र समाप्त होने के कगार पर है। बावजूद इसके अधिकतर स्कूलों में हमारे शिक्षक के बोर्ड नहीं लग सके हैं।
ब्लॉक क्षेत्र के 110 प्राथमिक, 23 पूर्व माध्यमिक और 47 कंपोजिट सहित कुल 180 सरकारी स्कूल है। इन स्कूलों में करीब 22,000 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वहीं, इन बच्चों को शिक्षा देने के लिए 554 शिक्षकों की तैनाती भी की गई है। हालांकि, इन विद्यालयों में हमारे शिक्षक का बोर्ड लगाने के लिए करीब छह माह पहले बेसिक शिक्षा महानिदेशक ने विभाग के जिम्मेदारों को निर्देश जारी किया था। जारी निर्देश में कहा गया था, बोर्ड स्कूल में ऐसी जगह लगाया जाए, जहां स्कूल में प्रवेश करते समय देखा जा सके। बोर्ड पर शिक्षकों का फोटो, नाम, शैक्षिक योग्यता, नियुक्ति तिथि का पूरा ब्योरा अपडेट करके लगाना था।
इसके लिए स्कूल के कंपोजिट ग्रांट से धनराशि खर्च की जानी थी। रविवार को हकीकत देखी गई तो शहर समेत गांव स्थित अधिकतर स्कूलों में अभी तक हमारे शिक्षक के बोर्ड नहीं नजर आए। जिन स्कूलों में बोर्ड लगे भी हैं। उनमें आधी-अधूरी जानकारी है।
कोट
स्कूलों में हमारे शिक्षक का बोर्ड लगाने के लिए शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं। अगर ऐसी लापरवाही बरती गई है तो स्कूलों का निरीक्षण लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-प्रदीप कुमार शर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी, निचलौल