मुरादाबाद, अमृत विचार। कहीं शिक्षकों की कमी से स्कूल में पठन पाठन प्रभावित है तो कई विद्यालयों में छात्र संख्या में अनुपात में शिक्षक अधिक है। यह स्थिति जिले के सुदूर ब्लॉक की नहीं बेसिक शिक्षा परिषद के नगर क्षेत्र के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की है। बेमेल समायोजन से बच्चों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। स्थिति यह है कि एकल विद्यालय कुंदनपुर की प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने शिक्षाधिकारियों से अकेले का हवाला देकर सहयोग के लिए शिक्षक या शिक्षा मित्र की तैनाती की गुहार लगाई है।
नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कुंदनपुर में तीन कमरों में 170 विद्यार्थी पढ़ते हैं। इस विद्यालय में पहले एक सहायक अध्यापक विनीत कुमार संबद्ध थे, लेकिन महानिदेशक स्कूल शिक्षा के आदेश का हवाला देकर उन्हें मूल तैनाती वाले स्कूल जयंतीपुर लौटा दिया। जबकि यहां की सहायक अध्यापिका शादी के बाद ससुराल में रहती हैं जब वह मायके में आती हैं तभी विद्यालय में हाजिरी लगाने आती हैं। ऐसे में 170 छात्र-छात्राओं को पढ़ा रही प्रभारी प्रधानाध्यापिका मनीला शर्मा ने परीक्षा सिर पर होने के बाद भी बच्चों के कोर्स पूरा न होने से चिंतित हैं। वह अकेले शिक्षण कर बीमार हो जा रही है।
उन्होंने विभागीय ग्रुप में एक सहायक अध्यापक या शिक्षामित्र की तैनाती करने की गुहार मैसेज भेजकर लगाई है। लेकिन, उनकी बात अनसुनी की जा रही है। उनका कहना है कि यदि संबद्धता समाप्त करने के महानिदेशक के आदेश का पालन किया जा रहा है तो केवल उनके स्कूल पर ही क्यों, यह सभी जगह समान रूप से होना चाहिए। वार्षिक परीक्षा के बीच 25 फरवरी को मंडलायुक्त द्वारा बौद्धिक परीक्षा कराई जानी है, इसको लेकर भी वह परेशान हैं। हालांकि नगर क्षेत्र के कई विद्यालयों में कुछ प्रभावशाली परिवार के शिक्षकों पर संबद्धता का आदेश लागू नहीं किया है। इसमें प्राथमिक विद्यालय फाजलपुर, सिकंदरपुर तिगरी, असालतपुरा आदि में शिक्षक संबद्ध हैं।
नगर क्षेत्र में यह विद्यालय हैं एकल
शिक्षकों की कमी से नगर क्षेत्र के कई विद्यालय प्रभावित हैं। तीन विद्यालय में तो एकल शिक्षक हैं। इन एकल विद्यालयों में उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंदनपुर और प्राथमिक विद्यालय कुंदनपुर, उच्च प्राथमिक विद्यालय मऊ शामिल हैं।
नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी के चलते प्रभावित हो रही विद्यालय संचालन और शिक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत शिक्षकों की नियुक्ति की मांग करता आ रहा है। मगर कोई सुनने को तैयार नहीं। विभाग बिना शिक्षकों के ही निपुण भारत मिशन जैसी योजनाएं सफल बनाने के लिए दबाव बना रहा है। जो उचित नहीं है।-राकेश कौशिक, महानगर अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ
संबद्धता समाप्त करने का नियम समान रूप से लागू होना चाहिए। एआरपी चयन को लेकर पहले मांग की थी कि नये सिरे से परीक्षा कराकर भर्ती कराई जाए। लेकिन, अभी इसे सुना नहीं गया। नियमों के पालन में भेदभाव नहीं होना चाहिए। -सर्वेश कुमार शर्मा, जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ