प्रदेश में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे बजट से प्रदेश के लोगों को काफी उम्मीदे हैं। बुधवार को विधानसभा में वित्तमंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश करेंगे। यह बजट यूपी के इतिहास का सबसे बड़े आकार करीब सात लाख करोड़ रुपये का हो सकता है।
दो लक्ष्य बजट में बुनियादी ढांचे के विकास, युवा व रोजगार, महिलाओं और किसानों पर अधिक फोकस रहने की उम्मीद की जा रही है। विकास कार्यों के लिए पूंजी मद में बढ़ोतरी किए जाने की संभावना है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के इस बजट के माध्यम से प्रदेश सरकार दो बड़े लक्ष्यों को भेदने की कोशिश में है। पहला 2024 के आम चुनाव और दूसरा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की तरफ ले जाने का प्रयास।
सर्वस्पर्शी होगा राज्य के इस बजट में केंद्रीय बजट की झलक दिखेगी। मुख्यमंत्री आवास योजना, इंफ्रास्ट्रक्चर खासकर औद्योगिक क्षेत्रों और सड़कों का निर्माण, एक्सप्रेस-वे, युवाओं से जुड़ी योजनाओं खासकर रोजगार व अप्रेंटिसशिप योजना, बिजली, स्वास्थ्य, पर्यटन स्थलों का विकास, महिला सुरक्षा, किसान, गांव-गरीब पर खास तवज्जो की उम्मीद है। वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, प्रयागराज के लिए पर्यटन विकास की योजनाएं भी दिखेंगी। कुल मिलाकर केंद्रीय बजट के सर्वस्पर्शी और हर क्षेत्र के विकास का तानाबाना यूपी के बजट में भी देखने को मिल सकता है।
रोजगार की योजनाओं को बढ़ावा निशुल्क टैबलेट/लैपटाप वितरण, नवाचार को बढ़ावा देना, वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम निर्माण, मेरठ में खेल विश्वविद्यालय का निर्माण कौशल विकास मिशन को अधिक धनराशि दिए जाने की चर्चा है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना को और गति दी जा सकती है।
सुबह 11 बजे पेश होगा बजट
● बजट से प्रदेश के पर्यटन उद्योग को नये पंख लगेंगे।
● बुंदेलखंड में पर्यटन विकास को लेकर खास फोकस रहेगा।
● नैमिषारण्य तीर्थ के विकास पर जोर।
● धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा मुजफ्फरनगर का शुक्र तीर्थ।
● निजी स्कूलों में पढ़ने वाली दो बहनों में से एक की पढ़ाई का खर्च उठाने की घोषणा भी कर सकती है सरकार
विभागीय बजट से बुनियादी ढांचे पर रहेगा जोर
सरकार का फोकस राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए जहां जरूरत है, वहां पर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने पर भी होगा। इसके लिए विभागीय बजट से ही इन कामों को प्राथमिकता से कराने की पहल बजट में दिखेगी। पीडब्ल्यूडी, औद्योगिक विकास, नगर विकास, ऊर्जा, जलशक्ति जैसे विभागों को विकास मद में अधिक धनराशि आवंटन की चर्चाएं हैं। सरकार गांव, गरीब, किसान व महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए भी अधिक धनराशि दे सकती है। सरकार इस बार पूंजीगत व्यय (विकास कार्यों) के मद में अधिक धनराशि दे सकती है।