कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों को अधिक पेंशन का विकल्प चुनने के लिए अधिक समय मिल सकेगा। पात्र सदस्य अब अपने नियोक्ता के साथ संयुक्त रूप से इस विकल्प को चुनने के लिए तीन मई 2023 तक आवेदन कर सकते हैं।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय के चार नवंबर 2022 के आदेश के मुताबिक सभी पात्र सदस्यों को ऊंची पेंशन का विकल्प चुनने के लिए चार महीने का समय दिया गया था। यह चार माह की अवधि तीन मार्च 2023 को समाप्त हो रही है। लेकिन ईपीएफओ के एकीकृत सदस्य पोर्टल पर हाल में सक्रिय किए गए यूआरएल लिंक से स्पष्ट हुआ है कि विकल्प चुनने की अंतिम तिथि तीन मई है।
पिछला बकाया भी देना होगा इस योजना के तहत राशि का जो अंतर आएगा वह आपके पीएफ खाते से कट जाएगा।
यूएएन पोर्टल पर जाएं कर्मचारी ईपीएफओ की इस खास सुविधा के तहत यूएएन पोर्टल पर लॉग इन कर सकते हैं। पात्र कर्मचारी पोर्टल पर जाकर आवेदन जमा कर सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार 25 से 35 साल के युवाओं के लिए यह फायदेमंद है। वहीं, सेवानिवृत्ति के पांच साल पहले वेतन का एक बड़ा हिस्सा इस योजना में लगाना होगा।
ये आवेदन कर सकेंगे
जिन्होंने 5,000 रुपये या 6,500 रुपये की तत्कालीन वेतन सीमा से अधिक वेतन में योगदान दिया था। ईपीएस सदस्य होने के दौरान पिछली विंडो में संयुक्त विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया। ऐसे सदस्य, जो 1 सितंबर 2014 से पहले या बाद में ईपीएस के सदस्य थे।
यह होगी प्रक्रिया संयुक्त रूप से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन की रसीद संख्या दी जाएगी। प्रभारी जांच करेंगे और निर्णय की सूचना देंगे।
कर्मचारी पेंशन योजना के तहत अभी 15 हजार रुपये तक के वेतन के हिसाब से पेंशन फंड में अंशदान तय होता है। यानी कि बेसिक वेतन 50 हजार रुपये हो जाए तो भी ईपीएस में अंशदान 15 हजार रुपये के हिसाब से ही तय होता है। इससे कर्मचारी ईपीएस में काफी कम रुपये जमा हो पाते हैं। इससे कम पेंशन बन पाती है लेकिन अब इस सीमा को बढ़ा दिया गया है।