गांधीनगर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि सरकार चार वर्षों से स्नातक और स्नातकोत्तर की मेडिकल सीटों की संख्या को बराबर करने पर विचार कर रही थी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि सभी एमबीबीएस स्नातकों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में दाखिला दिया जा सके।
भारतीय मूल के चिकित्सकों का वैश्विक संघ (जीएपीआईओ) के 11वें वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत भारतीय प्रवासियों को भी अनुसंधान और देश में अस्पतालों की चेन खोलने के लिए निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई में होने वाले हील इ इंडिया, हील बाई इंडिया एक्सपो के दौरान 70 से अधिक देश समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब हम दवाखाना खोलते हैं, तो चिकित्सकों की आवश्यकता होती है। आठ साल पहले, भारत में 51,000 एमबीबीएस सीटें थीं। आज 1,00,226 स्नातक सीटें और स्नातकोत्तर सीटें 36,000 से बढ़कर 64,000 हो गई हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य एमबीबीएस की स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों को बराबर करने पर है, ताकि सभी चिकित्सकों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिले का अवसर मिल सके