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मैनपुरी। परिषदीय स्कूलों में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए तैनात डायट मेंटर (डायट प्रवक्ता) शासन की मंशा के अनुसार कार्य नहीं कर रहे हैं। चार माह के उनके कार्य के विश्लेषण में लापरवाही पाए जाने पर महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। उचित जवाब न देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
बेसिक शिक्षा के सुधार के लिए राज्य परियोजना निदेशक ने एसआरजी, एआरपी और डायट मेंटर (डायट प्रवक्ताओं) को सहयोगात्मक पर्यवेक्षक के रूप में प्रत्येक विकास खंड में तैनाती दी है। समय-समय पर इन सहयोगात्मक पर्यवेक्षकों के कार्य की समीक्षा भी की जा रही है। सितंबर 2022 से दिसंबर 2022 तक के कार्य का राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय पर विश्लेषण किया गया तो जिले में तैनात तीन डायट मेंटर का कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया। उनके द्वारा दो घंटे के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण में बड़ी लापरवाही की गई। महानिदेशक स्कूली शिक्षा के द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि घिरोर में तैनात जीतपाल ने 3:5 मिनट, सुधाकरन ने 4.25 मिनट और बेवर में तैनात अभय कुमार ने 3.75 मिनट ही सहयोगात्मक पर्यवेक्षण का कार्य किया है जबकि यह कार्य कम से कम दो घंटे का होता है। महानिदेशक स्कूली शिक्षा ने इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए हुए जिले में तैनात तीनों डायट मेंटर को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
आज ही कार्यभार ग्रहण किया है। मेरा प्रयास होगा कि सभी प्रवक्ता शासन की योजनाओं को शासन के निर्देशानुसार पूरा करें। किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
-दीपिका गुप्ता, प्रभारी प्राचार्य डायट