वाराणसी। सीबीएसई बोर्ड का पूरा सिलेबस 2026 तक बदल जाएगा। छठवीं कक्षा से 12वीं तक इतिहास को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा और वैज्ञानिक आधार पर तैयार इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल होगा। इसमें राखीगढ़ी, बभनियांव सहित हर नई खोज व सर्वेक्षण को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी अपने गौरवशाली संस्कृति व इतिहास से रूबरू हो सके।
सीबीएसई बोर्ड में छठवीं कक्षा की किताबों से अब आयों के आक्रमणकारी होने का इतिहास हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही वर्तमान में इतिहास के तथ्यों पर प्रकाश डालने वाली खोज, सर्वेक्षण और खोदाई को भी शामिल किया जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत छठवीं से 12aff तक इतिहास को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया जाएगा।
एनसीईआरटी पाठ्यक्रम समिति ने इसकी सिफारिश करने के साथ ही प्रस्ताव भी तैयार करके भेज दिया है। इसके तहत इतिहास की नई किताबों का पुनर्लेखन भी जल्द शुरू
हो जाएगा और इसको लिखकर तैयार करने में तीन साल का समय लग जाएगा।
संभावना है कि 2026 से इसे सीबीएसई बोर्ड में लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए हर क्षेत्र से डाटा लिया जाएगा और इसमें जो भी नई खोज हुई होगी उसे भी शामिल किया जाएगा। एनसीईआरटी पाठ्यक्रम समिति के सदस्य प्रो. वसंत शिंदे ने बताया कि इतिहास वैज्ञानिकता पर आधारित होना चाहिए।
देश भर में हो रही खोदाई व सर्वेक्षण के दौरान ढेर सारे प्रमाण मिल रहे हैं और यह पूरी तरह से वैज्ञानिक हैं। नए इतिहास के लेखन में यह मील का पत्थर साबित होंगे। नई शिक्षा नीति के तहत जल्द ही पाठ्यक्रम में बदलाव नजर आएगा। सरकार व मंत्रालय इस पर काम भी रहे हैँ.
गलत इतिहास हटाया जाएगा
पुरातत्वविद प्रो. वसंत शिंदे ने बताया कि इतिहास के लेखन में जो गड़बड़ियां हैं उनको वैज्ञानिक आधार पर दुरुस्त किया जा रहा है। जो भी इतिहास में गलत है उसको हटाकर नया इतिहास शामिल किया जाएगा। देश भर में पुरातत्वविद बड़ी-बड़ी खोज कर रहे हैं, जिससे नए तथ्य सामने आ रहे हैं। कर्नाटक के कंगनहल्ली में पहली बार सम्राट अशोक की प्रस्तर प्रतिमा मिली है। इससे पता चला है कि वह कैसे दिखते थे।
दो लाख स्क्वायर किलोमीटर में फैली हुई थी सिंधु घाटी की सभ्यता
प्रो. शिंदे ने बताया कि सिंधु घाटी की सभ्यता दो लाख स्क्वायर किलोमीटर में फैली हुई थी। छह हजार से 26 सौ ईसा पूर्व तक विकास होता रहा और उसके बाद 19 सौ ईसा पूर्व तक शहरीकरण चलता रहा। सिंधु घाटी सभ्यता भारत में जम्मू से महाराष्ट्र, सहारनपुर और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में इसके सबूत मिलते हैं। सिंधु घाटी के समानांतर मेसोपोटामिया और इजिप्ट में सभ्यता का विकास हुआ। तीनों एक दूसरे के संपर्क में थे लेकिन तीनों के जीन अलग थे।