सीतापुर। जिले में परिषदीय वार्षिक परीक्षाओं में जमकर नकल हो रही है। यह नकल विद्यार्थी नहीं खुद शिक्षक करवा रहे हैं। अपने स्कूल के नंबर बढ़ाने के चक्कर में वह ब्लैकबोर्ड पर ही उत्तर लिख रहे हैं। इन उत्तरों को बच्चों को देखकर व बोलकर लिखाया जा रहा है।
इस तरह के शिक्षकों का यह कृत्य नौनिहालों के भविष्य को संवारने के बजाए उनको अंधेरे में ढकेलने का प्रयास है। यह हाल तब है जब बीएसए की तरफ से सख्त निर्देश दिए जा चुके हैं। इस तरह के नजारे बृहस्पतिवार को एलिया व पिसावां विकासखंड में देखने को मिले।
नकल की फोटो खींची तो भड़क गए गुरुजी
विकासखंड एलिया के संविलयन विद्यालय अंगरासी में बृहस्पतिवार को परीक्षा चल रही थी। परीक्षा के दौरान शिक्षक अपने-अपने मोबाइल में व्यस्त थे। विद्यालय के कक्षा में ब्लैक बोर्ड पर कक्षा 6 के अति लघुउत्तरीय प्रश्न, लघु उत्तरीय प्रश्न को हल करके उत्तर लिख दिए गए थे। कमरे में कक्षा के छात्र-छात्राएं उसी को देखकर झुंड बनाकर लिख रही थी। अधिकारियों व अन्य को दिखाने के लिए सिटिंग प्लान दीवारों पर चस्पा था।
मगर बच्चों को उनकी कक्षा 6, 7 व 8 में एक साथ बैठाया गया था। विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति क्या है यह तक वहां के प्रधानाध्यापक अशोक कुमार को नहीं पता था। अपनी कमियां उजागर हुई तो वह मीडियाकर्मी पर ही भड़क गए। विद्यालय चेक करने का आदेश मांगने लगे। गुरुजी की यह आक्रोश इस बात पर था कि नकल कराने के दौरान फोटो क्यों खींची गई। बीईओ रमाकांत मौर्य ने बताया ब्लैक बोर्ड पर सवालों के उत्तर लिखे जाना नकलविहीन व सूचिता के आदेशों का उल्लंघन है। विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
ब्लैकबोर्ड पर लिखे गए उत्तर
पिसावां विकासखंड के कंपोजिट विद्यालय ससुरदीपुर में भी हालात कुछ इसी तरह के दिखाई दिए। यहां पर सामूहिक तौर पर नकल होती मिली। नौनिहाल एक झुंड में बैठकर परीक्षा दे रहे थे। इस दौरान शिक्षक आराम कर रहे थे। इन नौनिहाल को अलग-अलग बैठाने का कोई शिक्षक प्रयास नहीं कर रहा था न ही बच्चों को शांत कराने की बात कह रहा था।
प्राथमिक विद्यालय पथरी में आम के आकार की कलर प्लेट रखकर आम का चित्र बना रहे थे। यहां पर प्रश्रों को ब्लैकबोर्ड पर हल किया गया था। इनके उत्तर ब्लैकबोर्ड पर लिखे हुए थे। इन दोनों विद्यालय के क्लास रूम में शिक्षक नहीं मिले। वहीं रुकंदीनपुर प्राथमिक विद्यालय में 121 के सापेक्ष केवल 21 छात्र रहे मौजूद मिले।