सिद्धार्थनगर, परिषदीय स्कूलों में लगभग चार लाख बच्चों को भोजन कराने वाली रसोइयां दाने-दाने को मोहताज हैं। उन्हें चार माह से मानदेय नहीं मिल रहा है। ऐसा तब है जब दो साल पहले महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने हर माह की एक तारीख को मानदेय देने का आदेश दिया था। जनपद की 6716 रसोइयों को नवंबर 2022 के बाद से अब तक मानदेय नहीं मिला है। सभी आर्थिक संकट से जुझ रही हैं। कर्ज के बोझ तले किसी तरह जीवन यापन करने को विवश हैं। चार माह का मानदेय भुगतान के लिए विभाग को 5.37 करोड़ रुपये की जरूरत है।
बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन स्कूलों की रसोइयों को दो हजार रुपये प्रति माह मानदेय मिलता है। जिले की 6716 रसोइयों को दो हजार की दर से हर महीने 1.34 करोड़ रुपये मानदेय पर खर्च होता है। नवंबर 2022 से ही रसोइयों को मानदेय नहीं मिला है। इससे रसोइयों के परिवार में आर्थिक संकट आ गया है। एक रसोइयां का कहना है कि उसके बेटे की तबीयत खराब है लेकिन पैसा न होने से सही ढंग से इलाज नहीं करा पा रही है। वहीं बीते बारिश के मौसम से एक रसोइया का कच्चा घर प्रभावित हो गया है, वह मरम्मत नहीं करा पा रही है। कई रसोइयों के सामने समस्या है और विभाग चुप्पी साधे है।
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