रायबरेली। नया शैक्षिक सत्र 2023-24 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस बार न तो किताबों के लिए पूरा साल इंतजार करना होगा और न ही यूनिफाॅर्म, स्वेटर, जूते व मोजे के लिए डीबीटी प्रक्रिया में समय गंवाना पड़ेगा। किताबों का पूरा सेट मिलने के साथ ही डीबीटी के तहत मिलने वाला लाभ भी अप्रैल में दिलाने की प्रक्रिया चल रही है। परिषदीय विद्यालयों तक किताबें पहुंचाई जा रही हैं। डीबीटी प्रक्रिया की समय सारिणी जारी हो गई है, जिसे अप्रैल में पूरा करके धनराशि भेजी जाएगी।
जिले में परिषदीय विद्यालयों की संख्या 2,299 है। जहां वर्तमान में पहली से आठवीं तक के लगभग तीन लाख बच्चे पढ़ते हैं। नए सत्र में बच्चों की संख्या बढ़ाने का प्रयास होगा। समय से किताबें मिले, इसलिए तीन महीने पहले से खरीद चल रही है। जिला समन्वयक (सामुदायिक) डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि जिले में लगभग 15.65 लाख पाठ्य पुस्तकों की जरूरत है, जिसके सापेक्ष तकरीबन 12 लाख पाठ्य पुस्तकें अब तक मिल चुकी हैं। इस महीने शत-प्रतिशत आपूर्ति हो जाएगी। जबकि कार्य पुस्तिकाएं अगले महीने आ जाएंगी। लगभग आठ लाख किताबें सभी ब्लाॅक संसाधन केंद्रों में पहुंचा दी गई है, जहां से विद्यालयों को किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
एक अप्रैल से शुरू होगा सत्यापन कार्य
नए सत्र 2023-24 में यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा आदि के लिए डीटीबी के माध्यम से बच्चों को धनराशि भेजने की प्रक्रिया अप्रैल महीने में पूरी होगी। एक अप्रैल से बच्चों के सत्यापन का कार्य शुरू होगा। अध्यापकों को बच्चों के विवरण का सत्यापन 7 अप्रैल तक पूरा करना है। इस डाटा को बीईओ 9 अप्रैल तक सत्यापित करेंगे, जिसे बीएसए एवं लेखाधिकारी को 11 अप्रैल तक पीएफएमएस पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके बाद भुगतान प्रक्रिया शुरू होगी। उधर, वर्तमान शैक्षिक सत्र 2022-23 में लगभग तीन लाख बच्चों को डीबीटी के तहत लाभान्वित किया जाना था, जिसमें 2.65 लाख बच्चे लाभ ले चुके हैं। शेष को 31 मार्च तक धनराशि भेज दी जाएगी। पिछले सत्र में यह प्रक्रिया पूरे साल चलती रही। 35 हजार बच्चों को अभी भी लाभ नहीं मिल पाया है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि डीबीटी प्रक्रिया निर्धारित समय सारिणी में पूरी की जाएगी।