सदा से शिक्षा विभाग की विशेष कृपापात्र रही है यह अध्यापिका , जिसपर नियुक्ति के उपरान्त से लगातार 8 वर्ष तक अनुपस्थित रहने के बावजूद कोई कार्यवाही नही की गई और जिसका उक्त अवधि का बकाया वेतन भी बगैर सम्बन्धित खण्ड शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर के निर्गत कर दिया गया हो । संबंधित BEO द्वारा नोटिस जारी करने के उपरान्त जिस अध्यापिका पर कार्यवाही करने की बजाय उसे अन्यत्र ब्लॉक के विद्यालय में सम्बद्ध करके सम्बद्ध विद्यालय से ही जिसका वेतन लगा दिया गया हो और उसी सम्बद्ध विद्यालय से ही नियम कानून को ताक पर रखकर जिसका एकल पदोन्नति आदेश के द्वारा प्रधानाध्यापक पद पर पदस्थापन कर दिया गया हो। जिसपर फर्जी व कूटरचित प्रमाणपत्रो द्वारा नौकरी प्राप्त करने , दो पैनकार्ड के इस्तेमाल करने सहित तमाम आरोपों की विभागीय जाँच में पुष्टि होने के बाद टर्मिनेशन की कार्यवाही हुई हो और टर्मिनेट होने के सालोबाद तक जिसकी प्राथमिकी दर्ज न कराई गई हो, जिसके खिलाफ प्राप्त तमाम शिकायतों को दरकिनार करते हुए विभागीय उच्चाधिकारी जिसे बराबर प्रश्रय देते रहे हो उस अध्यापिका का अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने की कार्यवाही !!!!!कैसे हो गयी ऐसी कार्यवाही ??? 😀😀😀😀
बात हजम नहीं हो रही है।
भगौड़े प्रधानाध्यापक का साथ देने का दण्ड पूरे स्टाप को मिलना ही था।👍👍👍👍
लगता है विकास खण्ड सिरकोनी तथा जिला जौनपुर का वर्तमान बेसिक विभाग का मुखिया भ्रष्टाचार मुक्त ब्यवस्था का पक्षधर है। 👍👍👍👍
सराहनीय कदम BSA जौनपुर का🙏🙏🙏🙏🙏