परिषदीय स्कूलों के लिए पिछले दिनों आयोजित 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के मामले में हाईकोर्ट के निर्णय के बाद से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का धरना जारी है।
परिषदीय स्कूलों के लिए पिछले दिनों आयोजित 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के मामले में हाईकोर्ट के निर्णय के बाद से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का धरना जारी है। बुधवार को आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने लखनऊ में शिक्षामंत्री संदीप सिंह के आवास पर घेराव किया। उधर शिक्षामंत्री के आवास के घेराव की सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी अभ्यर्थियों को बस में बैठका इको गार्डेन धरना स्थल छोड़ दिया।
आरिक्षत वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों शिक्षामंत्री के आवास का घेराव करने और उन्हें जबर इको गार्डेन धरना स्थल पर छोड़ने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विट करके धरना दे रहे अभ्यर्थियों का समर्थन किया। अखिलेश यादव ने अपने ट्विट में कहा कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में आया फैसला आरक्षण की मूल भावना की विरोधी भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है।
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उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा कि भाजपा दलित-पिछड़ों कर हक मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फंसाती है, जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है, जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके। गौरतलब है कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण में गड़बड़ी का अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था।
इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने विभाग के द्वारा जांच के बाद आरिक्षत वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की एक सूची जारी गई है। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंच गया, जहां पर कोर्ट ने सूची को खारिज करते हुए 69000 की मूल चयन सूची रिव्यू करने का आदेश दिया है। इसके बाद से अभ्यर्थी सरकार पर कोर्ट में पैरवी ढीली करने का आरोप लगाते हुए धरना दे रहे हैं।