जल्द ही बीमा क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। बीमा कंपनियां स्वास्थ्य बीमा के साथ ही दूसरे वित्त उत्पाद भी मुहैया कराने में सक्षम हो सकेंगी। बीमाधारक को जिम की सदस्यता स्वास्थ्य बीमा के साथ मिल सकती है या वाहन बीमा लेने वालों को मोटर मरम्मत सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं। इसके लिए बीमा अधिनियम, 1938 में संशोधन किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, बीमा अधिनियम और आईआरडीए एक्ट में संशोधन को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसे संसद के मौजूदा सत्र में पेश किया जा सकता है। प्रस्ताव के अनुसार बीमा कंपनियां बीमा उत्पाद के साथ ही अन्य वित्तीय उत्पादों को भी बेच सकेंगी।
फिलहाल, बीमा कंपनियां अन्य वित्त उत्पादों को सीधे नहीं बेच सकतीं। ये सेवाएं किसी अन्य कंपनी के साथ साझेदारी में दी जाती हैं। संशोधनों पर आपत्तियों और कंपोजिट लाइसेंस को लेकर उद्योग जगत की चिंताओं का भी समाधान कर दिया गया है। सरकार ने नवंबर 2022 में बीमा अधिनियम, 1938 और बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 में प्रस्तावित संशोधनों पर टिप्पणियां आमंत्रित की थीं। टिप्पणी जमा करने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2022 थी। संशोधनों को इस महीने के अंत तक केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है।
एक ही इकाई से कई तरह के बीमा हो सकेंगे
संशोधनों में एक समग्र बीमा पंजीकरण के प्रस्ताव सहित दूरगामी बदलाव शामिल हैं। इसके तहत बीमाकर्ता एक ही इकाई के माध्यम से कई प्रकार के बीमा करने में सक्षम होंगे। इसके लिए 100 करोड़ रुपये की न्यूनतम पूंजीकरण की सीमा को भी हटाया जाएगा।
तेजी से बढ़ रहा भारतीय बीमा बाजार
बीमा क्षेत्र को दो दशक पहले खोला गया था। पिछले पांच साल में इस क्षेत्र में प्रत्येक साल 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2021 में बीमा क्षेत्र में थोड़ी कमी देखी गई, जिसमें यह 4.2 प्रतिशत से कम है। 2047 तक सभी को बीमा लक्ष्य हासिल करने के लिए अधिक खिलाड़ियों और वितरण भागीदारों की जरूरत है।