पढ़ाई पर महंगाई का वार, 1000 रुपये तक बढ़ा बस्ते का बोझ
एटा। नए शिक्षा सत्र में अभिभावकों पर बच्चों को पढ़ाई का और बढ़ जाएगा। किताबों के दाम 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं। बच्चों के बैग पर 600 से 1000 रुपये रुपये गया है। पुस्तक विक्रेताओं का कहना है कि कागज महंगा होने से इस बार किताबों में दामों में वृद्धि हुई है।
इस बार किताबों में विषय-वस्तु भी बदली गई है। पुस्तक विक्रेताओं
के मुताबिक किताबों के दामों में तीन साल बाद वृद्धि हुई है। कोरोना की वजह से पुस्तकों के दाम नहीं बढ़ाए तक महंगाई के रूप में बोझ बढ़ जा सके। जबकि कागज की कीमतें लगातार बढ़ रहीं हैं। इसी वजह से पुस्तकों के दामों में 18 से 24 किताबों के दामों में वृद्धि हुई है। फीसदी तक इजाफा करना पड़ा है। शहर के गांधी मार्केट, जीटी रोड, भी बदली गई है। पुस्तक विक्रेताओं रेलवे रोड, घंटापर आदि इलाकों मेंदुकानदारों पर लोग अभी से रेट की जानकारी करने पहुंचने लगे हैं। कुछ विक्रेताओं की मानें तो हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में अब ज्यादातर स्कूल चुनिंदा दुकानदारों के पास ही कापी किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों को भेजते हैं। कई बार कमोशन के चक्कर में दुकानदार कुछ रेट बढ़कर देते हैं। ऐसे में स्कूल वार किताबों पर बड़ी महंगाई कम या ज्यादा भी हो सकती है।
कक्षा वार बढ़े स्कूल कोर्स के दाम