लखनऊ, । राज्य सरकार ने निकाय चुनाव में पिछड़ों को समुचित आरक्षण देने के लिए अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में सामान्य नगरीय निकाय निर्वाचन-2023 उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम-1916 एवं उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 में सुसंगत संशोधन किए जाने संबंधी अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी देते हुए राज्यपाल को भेजने की सिफारिश की गई है। माना जा रहा है कि राज्यपाल की मंजूरी के बाद नगर विकास विभाग मेयर व अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना शनिवार या रविवार को जारी कर सकता है।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का समुचित लाभ दिया जाना है। हाईकोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए 31 मार्च तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। आयोग ने इसके पहले 9 मार्च को ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को मान्य कर दिया है।
उन्होंने बताया कि आयोग की रिपोर्ट के मद्देनजर नगर पालिका परिषद और नगर निगम अधिनियम में संशोधन करने की जरूरत थी। इसके लिए कैबिनेट से अनुमति मांगी गई थी, जो मिल गई है। क्या संशोधन किया जाना है, इस बारे में गुुरुवार को जानकारी दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन में अधिसूचना को लेकर कार्यवाही शुरू करने को कहा था, राज्य सरकार ने उसे शुरू कर दिया है। राज्यपाल से मंजूरी के बाद मेयर और अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण किया जाएगा। उन्होंने निकाय चुनाव की अधिसूचना कब जारी होगी, के सवाल पर कहा कि यह काम निर्वाचन आयोग का है।