ज्ञानपुर। जिले के परिषदीय स्कूलों में कक्षा तीन तक के बच्चे निजी प्रकाशकों की किताब नहीं पढ़ेंगे। नए शिक्षा सत्र से कक्षा तीन तक के करीब 67 हजार बच्चे सिर्फ एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) की किताबों से ही पठन-पाठन करेंगे। इससे किताबों के बोझ से बच्चों को मुक्ति मिलेगी। विभाग ने किताब की डिमांड शासन से की है।
जिले के 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। जिसमें दो लाख बच्चे पंजीकृत हैं। नए शिक्षा सत्र में यह संख्या बढ़ सकती है। अभी तक सरकारी स्कूलों में शासन से आने वाली किताबें पढ़ाई जाती है। जिससे छोटे बच्चों पर किताबों का अधिक बोझ हो जाता। नए सत्र में शैक्षणिक गुणवत्ता बनाने और संवर्धन के लिए शासन ने यह कदम उठाया है। शासन की ओर से कक्षा 3 तक एनसीईआरटी की पुस्तकों का संचालन कर दिया जाएगा। कक्षा तीन तक की किताबें सत्र चालू होने तक स्कूलों में पहुंचाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि पहली से तीसरी कक्षा तक के बच्चों को अब एनसीईआरटी की किताब दी जाएगी। इसमें करीब 67 हजार बच्चे शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि शासन से किताबों की डिमांड कर दी गई है।
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चौथी से आठवीं तक की आई 80 फीसदी किताबें
ज्ञानपुर। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को इस साल शिक्षा सत्र शुरू होने पर ही नि:शुल्क किताबें मिल जाएगी। चौथी से आठवीं तक के बच्चों के लिए आठ लाख 45 हजार किताबों में अब तक छह लाख 47 हजार आ चुकी हैं। बेसिक शिक्षा विभाग इसे एक अप्रैल से पूर्व ही स्कूलों तक पहुंचाने की कवायद में जुट गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि होली के बाद सत्यापन कर इसका वितरण शुरू हो जाएगा।