मुजफ्फरनगर। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के वेतन निर्धारण और पदोन्नति में गड़बड़ी के अब तक 150 मामले सामने आ चुके हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। विस्तृत जांच के लिए सभी शिक्षकों की सर्विस बुक मांगी गई है। मगर, अभी तक सिर्फ 302 शिक्षकों ने ही बुक दी है।
बेसिक शिक्षा के 951 स्कूलों में करीब 3700 शिक्षक तैनात है। शिकायत के बाद लेखा विभाग ने शिक्षकों के वेतन निर्धारण और पदोन्नति की जांच शुरू कराई तो एक के बाद एक मामले सामने आने लगे। लेखा विभाग ने विस्तृत जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर शिक्षकों की सर्विस बुक मांगी है, लेकिन पर्याप्त सहयोग नहीं किया गया है। मोरना ब्लॉक से अभी तक सिर्फ 44 शिक्षकों की ही सर्विस बुक मिली है, इससे जांच प्रभावित हो रही है। बीएसए शुभम शुक्ला ने कहा कि पूरे प्रकरण में खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।
सपा सरकार के कार्यकाल की पदोन्नति में झोल
अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि गड़बड़ी के अधिकतर मामले सपा सरकार के कार्यकाल के हैं। साल 2017 से पहले पदोन्नति और गलत वेतन निर्धारण के मामले मिले हैंं।
अनुकंपा की नौकरियों की शुरू हुई जांच
बेसिक शिक्षा विभाग में अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने वाले शिक्षकों की जांच शुरू हो गई है। कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें माता-पिता दोनों बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत थे। दोनों में से एक की मौत के बाद उनकी संतान को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल गई। यह जांच की जा रही है कि अगर माता-पिता दोनों ही बेसिक शिक्षक थे तो एक की मौत को अनुकंपा का आधार नहीं माना जा सकता। नौकरी पाने वाले ऐसे शिक्षकों की जांच चल रही है।