लखनऊ, विशेष संवाददाता:प्रदेश सरकार ने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में मोटे अनाज की जानकारी को भी शामिल करने का फैसला किया है। इस बारे में बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि मोटे अनाज (श्री अन्न) की विभिन्न फसलों, उनके विभिन्न उत्पाद और पोषण में महत्व को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।राज्य में मोटे अनाज के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बुधवार को सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, सभी मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। यह भी कहा गया है कि मोटे अनाज के लाभकारी गुणों के संबंध में अध्यापकों को प्रशिक्षित करवाने की कार्यवाही सुनिश्चत की जाए। जिससे वह छात्र-छात्राओं को उसके प्रति जागरूक बना सकें। अध्यापकों के जरिये स्कूल के छात्र-छात्राओं को मोटे अनाज के महत्व के प्रति जागरूक किया जाए। मिड डे मील कार्यक्रम के तहत मोटे अनाजों से बने उत्पादों को शामिल करवाया जाए।स्कूलों में मोटे अनाज पर विभिन्न प्रकार की जैसे मोटे अनाज की पहचान, इसके पोषक तत्व की जानकारी, निबंध लेखन, क्विज व प्रोजेक्ट वर्क आदि का आयोजन करवाया जाए। अन्तर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष-2023 के परिप्रेक्ष्य में मोटे अनाजों के उत्पादन और उपयोग के संबंध में रणनीति के बाबत जारी इन निर्देशों में उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण विभाग से कहा गया है कि वह मोटे अनाज की प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना प्राथमिकता पर सुनिश्चत करवाए।कृषि विपणन विभाग से कहा गया है कि प्रदेश की विभिन्न मण्डियों में मोटे अनाजों व उसके उत्पादों के विक्रय स्थल का आवंटन सुनिश्चित किया जाए।
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