सोनभद्र। जिले के परिषदीय स्कूलों के बच्चों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाई कराने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। नीति आयोग की पहल पर जिले के 70 स्कूलों में जल्द टैब लैब की स्थापना होगी। चयनित प्रत्येक स्कूल में 50-50 टैबलेट की सौगात मिलेगी। इसके लिए 3500 टैबलेट के लिए क्रयादेश जारी हो चुका है। अति पिछड़े जिलों की सूची में शामिल सोनभद्र को नीति आयोग ने गोद लिया है। यहां बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से नीति आयोग और बेसिक शिक्षा विभाग की साझा पहल पर पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 70 परिषदीय स्कूलों में टैब लैब के माध्यम से बच्चों को आधुनिक तरीके से शिक्षा दी जाएगी। इसके तहत प्रत्येक स्कूल में 50-50 टैबलेट खरीदा जाना है। करीब आठ महीनों के लंबे इंतजार के बाद बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 3500 टैबलेट के लिए पिछले सप्ताह क्रयादेश जारी कर दिया गया है। क्रयादेश जारी होने के 56 दिनों के भीतर इसकी आपूर्ति का प्रावधान है। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि फरवरी माह के अंत तक इसकी आपूर्ति हो जाएगी। इसके लिए 10 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च होंगे। इसमें से 50 फीसदी धनराशि स्कूलों में टैब लैब के लिए कक्ष में सेटअप तैयार करने पर खर्च किया गया है। शेष 50 फीसद धनराशि से 3500 टैबलेट की खरीद हो रही है। इसके माध्यम से बच्चों को पढ़ाने के लिए एक साफ्टवेयर भी विकसित किया गया है, जो गणित, विज्ञान और हिंदी पढ़ाने में मददगार होगा। जिले के जिन 70 स्कूलों में बेहतर पठन-पाठन के लिए टैबलैब लागू किया जा रहा है। उनके पैमाने भी तय हैं। इसके तहत ऐसे स्कूल चयनित हैं जहां एक ही परिसर में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं। वहां छात्र संख्या 200 से अधिक है और शिक्षकों की संख्या आठ से अधिक है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोहे के दरवाजा और खिड़की को अनिवार्य किया गया है। इससे करीब 18 हजार से अधिक बच्चों को टैबलेट से पढ़ने का लाभ मिलेगा। जिले के विभिन्न इलाकों में जिन 70 स्कूलों को चयनित किया गया है। सदर ब्लॉक के 12 कंपोजिट विद्यालयों, चतरा के 3, चोपन के 7, नगवां के 3, बभनी के 4, म्योरपुर के 12, दुद्धी के 9, घोरावल के 12 और करमा ब्लॉक के 8 परिषदीय कंपोजिट विद्यालयों में टैबलैब की सुविधा मिलेगी। प्रत्येक स्कूल में एक कक्ष को 50 टैबलेट रखने के लिए सेटअप तैयार किया जा रहा है। कुछ स्कूलों में सेटअप तैयार भी हो गया है। इस कक्ष में 50 छात्रों को बैठने के लिए डिजाइनर टेबल व डेस्क होगी। इसके साथ ही शिक्षकों के बैठने के लिए उचित प्रबंध होगा। नीति आयोग के जिला कार्यक्रम सहयोगी फैजान ने बताया कि नीति आयोग से संचालित टैब लैब योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चार जिलों में लागू किया गया है। इसमें सोनभद्र के अलावा बलरामपुर, चंदौली, फतेहपुर भी शामिल हैं। मार्च 2024 तक पायलेट प्रोजेक्ट के तहत संचालन के बाद आकांक्षात्मक रूप से चयनित अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा। हर चार से छह स्कूल पर एक सुपरवाइजर की नियुक्ति होगी। वह निगरानी के साथ ही शिक्षकों को प्रशिक्षित भी करेंगे
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