मऊ। जिले के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने तथा शिक्षकों तथा शिक्षणेतर कर्मचारियों की मनमानी रोकने के लिए अब शिक्षकों की बायोमेट्रिक हाजिरी होगी। यही नहीं शिक्षकों तथा शिक्षणेतर कर्मचारियों का ब्योरा भी ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस आशय का निर्देश जिला विद्यालय निरीक्षकों को जारी किया है।
जिले में 67 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय हैं। जिले के कई माध्यमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की अनियमित दिनचर्या से
शैक्षिक गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। अभिभावकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए निदेशालय की तरफ से माध्यमिक विद्यालयों में बायोमेट्रिक हाजिरी को प्रभावी ढंग से लागू कराने की कवायद तेज हो गई है। नई व्यवस्था से माध्यमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक और शिक्षणेतर कर्मचारी अब समय से विद्यालयों में पहुंचेंगे। उनकी मनमानी पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। उपस्थिति की जांच के लिए विद्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाएगी। शिक्षकों और कर्मचारियों का पूरा ब्योरा भी ऑनलाइन दर्ज होगा और एप को शिक्षकों के वेतन से जोड़ा जाएगा।
शिक्षकों की उपस्थिति की निगरानी के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक स्तर पर पोर्टल बनाया जाएगा। उनकी वेबसाइट भी बनाई
जाएगी। जिस पर विद्यालय का पूरा लेखा जोखा अपडेट रहेगा। जरूरत पड़ने पर विद्यालयों की ऑनलाइन जांच भी की जा सकेगी। बायोमेट्रिक मशीन से दर्ज उपस्थिति के आधार पर ही विद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों को वेतन मिलेगा। हालांकि यह व्यवस्था 2016 से लागू कराने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण सात वर्ष बाद भी सफल नहीं हो पाया । एक बार फिर सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में बायोमेट्रिक हाजिरी की व्यवस्था लागू कराने के लिए निर्देश जारी किया गया है। इस बाबत जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र कुमार गुप्ता का कहना है कि सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षिक माहौल को बेहतर बनाने का प्रयास जारी है। शासन के दिशा निर्देश को क्रियान्वित किया जाएगा।