1 अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत हो जाएगी और इसके साथ ही इनकम टैक्स के नियमों में कई बदलाव आने वाले हैं। इनमें नई कर व्यवस्था से लेकर इनकम टैक्स स्लैब में होने वाले बदलाव, म्यूचूअल फंड की नई कैटेगरी और जीवन बीमा के टैक्स भुगतान में शामिल होने जैसे बहुत-से नियम जुड़े हैं। तो चलिए जानते हैं कि 1 अप्रैल से टैक्स से जुड़े किन नियमों में बदलाव होने वाले हैं।
- नई आयकर व्यवस्था
1 अप्रैल 2023 से टैक्स का भुगतान करने वाले लोगों के लिए बड़ा अपडेट आ रहा है। आयकर अधिनियम के तहत नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को डिफॉल्ट कर दिया गया है। वहीं, पुरानी कर व्यवस्था में रहने के लिए करदाता अभी भी सक्षम होंगे। हालांकि, इसके लिए अब उन्हें आवेदन करना होगा। - कर छूट की बढ़ गई है सीमा
अप्रैल 2023 से कर छूट की सीमा को बढ़ा दिया जा रहा है। नई टैक्स व्यवस्था के आने से अब करदाताओं को सात लाख तक की आय पर किसी भी तरह के टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ेगा, जबकि पहले यह सीमा पांच लाख रुपये तक थी। - बदल जाएंगे टैक्स स्लैब
1 अप्रैल से अगर करदाता पुरानी कर व्यवस्था को नहीं चुनते हैं तो उनके टैक्स स्लैब में बदलाव आने वाला है। इस तरह टैक्स भुगतान में भी बदलाव आ जाएंगे। नई व्यवस्था के तहत स्लैब कुछ इस तरह से हैं-
0 से 3 लाख – कोई कर भुगतान नहीं
3 से 6 लाख – 5%
6 से 9 लाख – 10%
9 से 12 लाख – 15%
12 से 15 लाख – 20%
- डेट म्यूचुअल फंड पर लगने वाला टैक्स
1 अप्रैल से डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Funds) को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के तौर पर टैक्स लगेगा। इसका मतलब है कि इंडेक्सेशन के साथ 20 टैक्स और बिना इंडेक्सेशन के 10 प्रतिशत टैक्स जैसे लाभ समाप्त हो जाएंगे। बता दें कि इस कदम से निवेशकों को दीर्घावधि कर लाभ से वंचित होना पड़ेगा, जिसने इस तरह के निवेश को लोकप्रिय बनाया था। - जीवन बीमा पर लगेगा टैक्स
अब तक आप यह सुनते आए हैं कि बीमा में निवेश टैक्स से बचने के उपायों में से एक है, पर 1 अप्रैल से इसमें एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 5 लाख रुपये से अधिक के वार्षिक प्रीमियम आय अब 1 अप्रैल 2023 से कर योग्य होंगे।
- वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा ज्यादा लाभ
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Savings Scheme) के लिए अधिकतम जमा सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा फायदा मिल सकेगा। वहीं, मासिक आय योजना ( Monthly Income Scheme) के लिए अधिकतम जमा सीमा एकल खातों के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये कर दी गई है। - E-Gold रसीद को लेकर बदल गए नियम
नए वित्तीय वर्ष के शुरू होने के साथ ही भौतिक सोने को ई-स्वर्ण रसीद में बदलने पर कोई पूंजीगत कर लाभ नहीं मिलेगा। इसकी जानकारी वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट 2023 को पेश करते हुए दिया था।