केंद्रीय विद्यालयों में विशेष शिक्षकों के नियमित नियुक्ति के लिए 1239 पद सृजित नहीं किए जाने पर उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) को फटकार लगाई है।
न्यायालय से सरकार और केवीएस से कहा कि आदेश के बाद भी विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पद का सृजन क्यों नहीं हुआ। न्यायालय ने 17 नवंबर को मूक, बधिर और दृष्टिहीन एवं मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को समुचित शिक्षा देने के लिए केंद्रीय विद्यालय में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश दिए थे।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने केंद्र सरकार और केवीएस को केंद्रीय विद्यालयों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 1239 पद सृजित करने के लिए 4 सप्ताह का वक्त दिया है। पीठ ने इसके साथ ही सरकार के शिक्षा सचिव और केवीएस के आयुक्त को यह बताने के लिए कहा है कि पिछले आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल व कुमार उत्कर्ष ने पीठ को बताया कि विशेष जरूरत वाले दिव्यांग बच्चे शिक्षा पाने के लिए इंतजार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि सरकार और केवीएस को इस मसले पर संवेदनशील होने की जरूरत है।