निजीकरण के खिलाफ हुंकार भरेंगे कर्मचारी
प्रयागराज, केन्द्रीय एवं राज्यकर्मियों ने पुरानी पेंशन बहाली, आउटसोर्स संविदाकर्मियों की रेगुलराइजेशन, 60 लाख रिक्त पड़े पदों को भरने, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं विभागों के निजीकरण पर रोक लगाने, ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने आदि मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। राष्ट्रव्यापी आंदोलन का यह फैसला मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित धरने पर लिया गया। यह जानकारी देते हुए अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, सीओसी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुभाष पांडेय ने बताया कि आंदोलन के पहले चरण में अप्रैल से जुलाई तक देश के सभी जिलों, तहसील व ब्लॉक में कर्मचारी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। दोनों कर्मचारी नेताओं ने कहा कि आफिस टू आफिस अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद अगले चरण में भारत छोड़ो की वर्षगांठ पर 9 अगस्त से देश के चारों कोनों से सैकड़ों कर्मचारी वाहन जत्थे शुरू किए जाएंगे। यह जत्थे सभी महानगरों, शहरों एवं कस्बों में कर्मचारियों एवं आम जनता को आंदोलन से जोड़ने के लिए नुक्कड़ सभाएं और कर्मचारी सभाएं आयोजित करते हुए 3 नवंबर को दिल्ली में पहुंचेंगे। तीन नवंबर को दिल्ली में बड़ी कर्मचारी रैली की जाएगी जिसमें सरकार के खिलाफ निर्णायक आंदोलन का ऐलान किया जाएगा।
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