प्रयागराज, एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे शैक्षणिक सत्र 2023-24 में भी प्रदेश के राजकीय और एडेड कॉलेजों में शिक्षकों की कमी बनी रहेगी। वर्तमान में सूबे के 2373 राजकीय और 4512 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में स्वीकृत शिक्षकों के पदों के सापेक्ष 33 हजार से अधिक पद खाली हैं। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी ने मंगलवार को विधानसभा में सदस्य प्रसन्न कुमार के तारांकित प्रश्न के जवाब में ये आंकड़े सार्वजनिक किए हैं। चिंताजनक बात यह है कि इन पदों पर जल्द भर्ती के आसार भी नहीं दिख रहे।एडेड कॉलेजों में टीजीटी और प्पीजीटी के 4163 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड महीनों से निष्क्रिय है। वहीं राजकीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को रिक्त पदों की सूचना तो भेजी है लेकिन अर्हता का निर्धारण न होने के कारण भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं हो पा रहा। राजकीय स्कूलों में 2018 के बाद से सहायक अध्यापक (एलटी) ग्रेड भर्ती नहीं आई है।
*चपरासी की कमी से हो रही परेशानी*
इन स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी (चपरासी) की कमी बनी हुई है। राजकीय विद्यालयों में स्वीकृत 6746 पदों में से चपरासी के 3132 पद खाली हैं। वहीं एडेड कॉलेजों में 42026 पदों के सापेक्ष 19874 पद रिक्त हैं। कई स्कूलों में सुबह प्रिंसिपल को प्राइवेट आदमी बुलाकर स्कूल की सफाई करवानी पड़ती है। राज्यमंत्री ने कहा है कि आउटसोर्सिंग से चपरासी के पद भरने की व्यवस्था की गई है।