प्रयागराज:उच्च शिक्षा निदेशालय में कर्मचारियों और शिक्षकों के काम समय से नहीं होते हैं और अगर काम हुआ भी तो संबंधित शिक्षक या कर्मचारी को इसकी सूचना नहीं दी जाती है। यह मामला शासन के संज्ञान में आने के बाद प्रमुख सचिव डॉ. सुधीर एम. बोबडे ने उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. ब्रह्मदेव को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि किसी भी समस्या का समाधान दो हफ्ते में हो जाना चाहिए।निदेशालय स्तर से राजकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के मामलों को निस्तारण किया जाता है। इनमें पेंशन, जीपीएफ, वेतन निर्धारण, मृतक आश्रित, अनुज्ञा, वेतन भुगतान, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, अनापत्ति प्रमाणपत्र, अवकाश स्वीकृति, स्थायीकरण, विदेश जाने के लिए अनुमति जैसे कार्य शामिल हैं।प्रमुख सचिव की ओर से जारी पत्र के अनुसार शासन के संज्ञान में आया है कि इन प्रकरणों के निस्तारण में अत्यधिक विलंब किया जाता है। साथ ही इनसे संबंधित निर्णयों और निस्तारण में पारदर्शिता नहीं है और संबंधित कर्मचारी को नैसर्गिक न्याय सिद्धांत के अनुसार पर्याप्त अवसर भी उपलब्ध नहीं हो पाता है। किसी मामले में निर्णय के बाद संबंधित कर्मचारी को सूचना भी नहीं दी जाती है।इस कार्यप्रणाली की वजह से न्यायालय में अनेक वाद योजित किए जाते हैं, जिससे राज्य सरकार पर अनावश्यक रूप से कार्यों का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक प्रकरण को अधिकतम दो सप्ताह में निस्तारित किया जाए। प्रकरण निस्तारित होने के बाद उसकी एक प्रति विभाग के वेबसाइट पर उसी दिन अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए।साथ ही संबंधित कर्मचारी, महाविद्यालय और क्षेत्रीय उच्च शिक्षा कार्यालय के आधिकारिक ईमेल आईडी पर निस्तारण की सूचना तत्काल प्रेषित की जाए। प्रमुख सचिव ने यह भी कहा है कि महाविद्यालयों की ओर से प्रकरण केवल रजिस्टर्ड डाक से ही निदेशालय को प्रेषित किए जाएं। निदेशालय में व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत प्रकरण केवल शिक्षा निदेशक की अनुमति के बाद ही प्राप्त किए जाएं।प्रमुख सचिव ने यह निर्देश भी दिए हैं कि प्रत्येक सप्ताह लंबित प्रकरणों की अनुभागवार सूची कंप्यूटर केंद्र प्रभारी निदेशक को उपलब्ध कराएंगे और यह उत्तरदायित्व कंप्यूटर केंद्र प्रभारी का होगा। वहीं, शिक्षा निदेशक प्रत्येक शुक्रवार को सभी अनुभागों के लंबित प्रकरणों से संबंधित एक समीक्षा बैठक करेंगे और शासन को पाक्षिक समीक्षा आख्या भी उपलब्ध कराएंगे।
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