प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षणेतर संघ के प्रांतीय आह्वान पर शिक्षा निदेशालय परिसर में धरने पर बैठे शिक्षणेतर कर्मचारियों ने 17 मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। इसमें एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षणेतर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दिए जाने, लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति और संविदा प्रणाली से नियुक्ति की व्यवस्था समाप्त किए जाने सहित अन्य मांगें शामिल हैं। एक दिवसीय धरने के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित 17 सूत्रीय मांगपत्र प्रदेश अध्यक्ष की और से अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक को सौंपा गया।
प्रदेश अध्यक्ष नीरज पवार एवं महामंत्री शिव बहादुर यादव के नेतृत्व में सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रदेश के कई जिलों से शिक्षणेतर कर्मचारी प्रयागराज आकर धरने में शामिल हुए। शिक्षणेतर कर्मचारियों के कई वर्षों से लंबित अवशेष देयकों की अनुमन्यताएं वित्त नियंत्रक कार्यालय द्वारा जारी नहीं की जा रही हैं। साथ ही अधिकांश संयुक्त शिक्षा निदेशकों के द्वारा जारी अनुमन्यताओं की धनराशि भी जनपदों को आवंटित नहीं की जा रही है। उपार्जित अवकाश के नकदीकरण की व्यवस्था पुनः लागू किए जाने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा, योग्यताधारी शिक्षणेतर कर्मचारियों की एलटी ग्रेड शिक्षक पद पर पदोन्नति, हाईस्कूल के लिपिक को इंटरमीडिएट के प्रधान लिपिक का वेतमान दिए जाने सहित अन्य मांगें उठाई गईं।