, प्रयागराज।प्रदेश में हर साल डेढ़ लाख अभ्यर्थी बीएड की पढ़ाई पूरी करते हैं। बीएड करने के पीछे उनका एकमात्र लक्ष्य शिक्षक बनना है। यही लक्ष्य बीटीसी-डीएलएड के अभ्यर्थियों का भी है, लेकिन राजकीय माध्यमिक विद्यालयों और परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में पिछले पांच वर्षों से कोई नहीं भर्ती नहीं आई और अभ्यर्थी डिग्री-डिप्लोमा लेकर नौकरी के लिए भटक रहे हैं।राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक यानी एलटी ग्रेड शिक्षक के पदों पर भर्ती के लिए मार्च 2018 में विज्ञापन जारी किया गया था। इसके बाद एलटी ग्रेड शिक्षक की कोई नहीं भर्ती नहीं आई। इस भर्ती में बीएड की अर्हता अनिवार्य है। उत्तर प्रदेश में पिछले पांच वर्षों के दौरान तकरीबन 7.50 लाख अभ्यर्थी बीएड की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं और डिग्री होने के बावजूद नौकरी के लिए भटक रहे हैं।उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पास एलटी ग्रेड शिक्षक के तकरीबन छह हजार पदों का अधियाचन पड़ा है, लेकिन समकक्ष अर्हता पर स्थिति स्पष्ट न होने से भर्ती अटकी पड़ी है। यह प्रक्रिया लगभग एक साल से लंबित पड़ी है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में नौकरी का सपना लेकर घूम रहे बीड डिग्रीधारकों को फिलहाल जल्द राहत मिलती नजर नहीं आ रही।वहीं, परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर भर्ती के लिए पिछले पांच वर्षों से कोई भर्ती नहीं निकली है। इस दौरान पांच लाख से अधिक अभ्यर्थी बीटीसी-डीएलएड की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। कटरा में रहने वाले प्रतियोगी छात्र मृत्युंजय दुबे और तिलकनगर के अंशुमान सिंह का कहना है कि बीटीसी-डीएलएड अभ्यर्थी सिर्फ प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अर्हता रखते हैं।अगर भर्ती नियमित रूप से नहीं करनी है तो बीटीसी-डीएलएड का कोर्स भी बंद कर देना चाहिए। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि छात्र शिक्षक बनने के लिए कड़ी मेहनत करके बीएड और बीटीसी-डीएलएड का कोर्स पूरा करते हैं। ऐसे में सरकार को हर साल नियमित रूप से शिक्षकों के पदों पर भर्ती निकालनी चाहिए। अगर इस साल भर्ती नहीं निकली तो बेरोजगारों की फौज और बढ़ेगी।
*शिक्षा सेवा चयन आयोग ने भी फंसाया पेच*
प्रदेश में नए शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन प्रस्तावित है, जिसके माध्यम से प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। हालांकि, आयोग का गठन अभी नहीं हो सका है। प्राथमिक विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों में भर्ती की प्रक्रिया अलग-अलग भर्ती संस्थाएं पूरी करती हैं। अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों और अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए अगस्त-2022 में आवेदन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, लेकिन परीक्षा तिथि अब तक घोषित नहीं की गई। भर्ती संस्थाएं हों या शासन, कोई भी स्पष्ट करने को तैयार नहीं है कि रुकी हुईं भर्तियां शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद शुरू होंगी या फिर संबंधित भर्ती संस्थाएं इन्हें पूरा कराएंगी।
अगले साल फरवरी में ही होंगे यूपी बोर्ड परीक्षाएं
लखनऊ : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की वर्ष 2023-24 की परीक्षाएं भी फरवरी 2024 में शुरू होंगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए गए शैक्षिक कैलेंडर में इससे पहले 16 जनवरी से 31 जनवरी 2024 तक यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। वहीं हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की प्री-बोर्ड की प्रयाेगात्मक परीक्षाएं जनवरी के दूसरे हफ्ते में और लिखित परीक्षाएं जनवरी के तीसरे हफ्ते में होंगी। इस साल भी फरवरी में बोर्ड परीक्षाएं शुरू हुईं थी और बीते चार मार्च को खत्म हुई हैं।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से कक्षा छह से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों के लिए शैक्षिक सत्र 2023-24 का शैक्षिक कैलेंडर शनिवार को जारी कर दिया गया। शैक्षिक सत्र की शुरुआत एक अप्रैल 2023 से होगी। मासिक पाठ्यक्रम के अनुसार वर्णात्मक परीक्षा के आधार पर मासिक टेस्ट जुलाई 2023 के अंतिम सप्ताह में होगा।
मासिक पाठ्यक्रम के अनुसार बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार पर मासिक टेस्ट अगस्त 2023 के अंतिम सप्ताह में होगा। सितंबर के अंतिम सप्ताह में अर्द्धवार्षिक प्रयोगात्मक परीक्षाएं होंगी। अर्द्धवार्षिक लिखित परीक्षाएं अक्टूबर 2023 के दूसरे व तीसरे सप्ताह में होंगी। अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के अंक वेबसाइट पर नवंबर के प्रथम सप्ताह तक सभी विद्यालय अपलोड करेंगे। सभी कक्षाओं का पाठ्यक्रम जनवरी 2024 के प्रथम सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि, कक्षा नौ व कक्षा 11 की वार्षिक परीक्षाएं जनवरी 2024 के चतुर्थ सप्ताह में कराई जाएंगी। फिलहाल शैक्षिक कैलेंडर को लेकर सभी स्कूलों के प्राचार्यों से फीडबैक मांगा गया है। मंडल स्तर पर सोमवार से लेकर 18 मार्च 2023 तक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। प्राप्त सुझावों के अनुसार इसे और बेहतर बनाया जाएगा।