श्रावस्ती। परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रथम मासिक, त्रैमासिक व अर्धवार्षिक परीक्षा नहीं कराई गई। अंकपत्र के कॉलम में यही अंकित हैं। ऐसे में शिक्षकों के सामने बगैर परीक्षा कराए अंक दर्शाने को लेकर संशय की स्थिति है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा एक से आठ तक के लिए जो अंक पत्र वितरित किए जाने हैं उसमें मासिक, त्रैमासिक व अर्धवार्षिक परीक्षा का भी कालम बना हुआ है। जबकि जिले में यह परीक्षा नहीं कराई गई। ऐसे में जब सीधे वार्षिक परीक्षा कराने बाद 31 मार्च तक शिक्षकों को समारोह पूर्वक छात्रों को अंक पत्र वितरित करने का निर्देश दिया गया है। तब शिक्षकों के सामने इन कॉलमो में नंबर देने की समस्या उत्पन्न हो गई है। शिक्षकों का यह भी मानना है कि रिपोर्ट कार्ड में बने कॉलम में कितने नंबर दिए जाएं यह भी उनकी समझ से परे है।
शिक्षक दुविधा में फंसे
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता परखने के लिए चार परीक्षाओं के आयोजन की व्यवस्था थी। इनमें तीन माह पर सत्र परीक्षाएं तथा अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षाएं होती थीं। इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। ऐसे में रिपोर्ट कार्ड के चार अलग अलग कॉलम में कितने नंबर दिए जाएं यह शिक्षकों की समझ नहीं आ रहा है
बगैर परीक्षा भी उत्तीर्ण होंगे छात्र
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने का प्रावधान है। उन्हें किसी भी दशा में अनुत्तीर्ण नहीं किया जा सकता है। ऐसे में जिन बच्चों ने वार्षिक परीक्षा भी नहीं दी है वे भी एक अप्रैल से शुरू हो रहे नवीन शिक्षा सत्र में नई कक्षा में दाखिला पाएंगे। संवाद