बलरामपुर,
शासन ने परिषदीय विद्यालयों में कूट रचित अभिलेखों के सहारे तैनाती लेने वाले फर्जी अध्यापकों पर चाबुक चलाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य परियोजना निदेशालय ने फर्जी शिक्षकों पर शिकंजा कसते हुए उनके विरुद्ध प्रत्येक जिले में अपर जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है। कमेटी कूट रचित तरीके से नौकरी हथियाने वाले अध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई कर उनसे राजस्व वसूली करने में जुट गया है। ये अध्यापक लगभग तीन वर्ष पहले बर्खाश्त किए गए थे। अब इन फर्जी अध्यापकों से रिकवरी करने का आदेश जारी हुआ है।
स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पदों पर की गई अनियमित, नियम विरुद्ध व फर्जी रूप से नियुक्तियों की जांच के लिए जांच समिति बनी हुई है। मिशन स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि समिति के माध्यम से आरोपित शिक्षकों की जांच कराई जाए। फर्जी पाए जाने पर उनकी सेवा समाप्ति के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जाए। साथ ही वेतन वसूली भी हो। देवीपाटन मंडल में सबसे अधिक बलरामपुर जिले में 121 फर्जी अध्यापक कार्य करते पाए गए। इन सभी पर नगर कोतवाली सहित अन्य थाने में चार चरणों में एफआईआर दर्ज करा कर सेवा समाप्त कर दी गई है, जिनकी विवेचना पुलिस कर रही है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक का फरमान जारी होते ही एक बार फिर बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अध्यापकों को लेकर हडकंप मच गया है। इसके अलावा बहराइच में तीन, श्रावस्ती में 30 व गोंडा में 45 फर्जी अध्यापक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराकर सेवा समाप्त की गई है। बलरामपुर में पाए गए फर्जी शिक्षकों को बर्खाश्त कर दिया गया था, लेकिन अभी तक उनसे रिकवरी नहीं की गई।
121 फर्जी अध्यापकों के विरुद्ध नगर कोतवाली सहित अन्य थानों में एफआईआर दर्ज कराकर सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जा चुकी है। जल्द ही शासन से गठित समिति बर्खास्त अध्यापकों से रिकवरी करेगी। विभाग में कूट रचित अभिलेखों के सहारे नौकरी करने वाले बख्से नहीं जाएंगे।
कल्पना देवी, बीएसए बलरामपुर