प्रयागराज, । बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्त उच्च योग्यताधारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को शिक्षक बनने का मौका मिलेगा। विभिन्न जिलों में परिचारक के पद पर बीटेक, एलएलबी, एमबीए, बीसीए, पीएचडी आदि डिग्रीधारी कर्मचारी कार्यरत हैं। ऐसे कर्मचारियों को डीएलएड/बीएड का प्रशिक्षण कराकर उन्हें टीईटी में शामिल होने का मौका मिलेगा जिसके बाद वह शिक्षक पद पर नियुक्त हो सकेंगे।
इसके लिए शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग को नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। जिन्होंने नियुक्ति मिलने के बाद न्यूनतम अर्हता हासिल की है उन्हें भी इसका लाभ होगा। इस फैसले से प्रदेश में मृतक आश्रित कोटे से तैनात ऐसे उच्च योग्यताधारी तकरीबन सात हजार कर्मचारियों में खुशी की लहर है। प्रदेश में 26 जुलाई 2011 को आरटीई लागू होने के बाद से परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए डीएलएड/बीएड और टीईटी अनिवार्य हो गया। जिन मृतक आश्रितों के पास यह अर्हता थी उन्हें तो शिक्षक पद पर नियुक्ति दे दी गई लेकिन तमाम डीएलएड/बीएड पास मृतक आश्रितों को टीईटी अर्हता न होने के कारण चतुर्थ श्रेणी के पद पर ज्वाइन करना पड़ा। अब ऐसे मृतक आश्रितों को शिक्षक बनने का मौका तो मिलेगा ही, इसके अलावा बीटेक, एलएलबी, एमबीए, बीसीए, पीएचडी डिग्रीधारियों को भी न्यूनतम आवश्यक अर्हता प्राप्त करते हुए शिक्षक पद पर नियुक्ति के अवसर दिए जाएंगे।
24 फरवरी 2023 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में परिषदीय विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी मृतक आश्रित की नियुक्ति शैक्षिक आधार पर करने और पूर्व में नियुक्त मृतक आश्रित कर्मचारियों को योग्यता के आधार पर उच्चीकृत करने की भी मांग उठी थी। 16 मार्च को जारी बैठक के कार्यवृत्त में मृतक आश्रितों के समायोजन के पश्चात उन्हें टीईटी की व्यवस्था के अंतर्गत शिक्षक के पद पर उच्चीकृत किए जाने के संबंध में नियमों के अंतर्गत नीति बनाने पर सहमति बनी है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में उच्च योग्यताधारी मृतक आश्रित कर्मचारियों के सम्बंध में लिए गए निर्णय से सभी कर्मचारियों में खुशी की लहर है। अब लगता है कि हमारी योग्यता के साथ न्याय होने जा रहा है। जुबेर अहमद, प्रदेश अध्यक्ष ड्टमृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ