यूपी बोर्ड नए सत्र से लागू होगा शत-प्रतिशत पाठ्यक्रम
सर्वांगीण विकास के लिए शैक्षणिक गतिविधि भी जरूरी
यूपी बोर्ड ने पठन-पाठन के साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षणेत्तर गतिविधि पर ध्यान देने पर भी बल दिया है। सचिव ने सभी शिक्षाधिकारियों से कहा है कि बच्चों के संपूर्ण विकास में केवल शैक्षिक प्रगति ही नहीं बल्कि शिक्षणेत्तर गतिविधियों में उनका प्रतिभाग करना नितांत आवश्यक है। अत नए सत्र में बच्चों का मानसिक, शारीरिक एवं भावनात्मक विकास भी सुनिश्चित कराएं।
अब तक 92,60,512 कॉपियां जांची गईं
यूपी बोर्ड का मूल्यांकन कार्य प्रदेश के 258 केंद्र पर तेजी से जारी है। चार दिन के भीतर 92,60,512 कॉपियां जांची जा चुकी हैं। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का लक्ष्य एक अप्रैल तक रखा गया है।
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। यूपी बोर्ड ने मूल्यांकन कार्य के साथ ही नए सत्र 2023-24 में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की तैयारी शुरू कर दी है। नए सत्र में पाठ्यक्रम में 30 फीसदी की कटौती समाप्त कर दी जाएगी। स्कूलों में बच्चों को अब पूरा पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। कोविड की वजह से पिछले दो वर्ष पाठ्यक्रम में कटौती की गई थी। यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे नए सत्र से कक्षा 9 से 12 तक के सभी विषयों में संपूर्ण पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा।
बोर्ड इस प्रयास में है कि 2022-23 सत्र की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के बाद जल्द से जल्द परीक्षा परिणाम घोषित कर स्कूलों में शैक्षणिक माहौल कायम कर दे। पिछले दो वर्षों के दौरान कोविड-19 की वजह से विद्यालयों में नियमित पठन-पाठन बाधित रहा था। इस कारण पाठ्यक्रम समिति ने छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए तीस फीसदी पाठ्यक्रम को समाप्त करने की संस्तुति की थी। अब वर्तमान में परिस्थितियां सामान्य होने के कारण नए सत्र से शत-प्रतिशत पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। आगामी सत्र में सभी स्कूलों में सभी विषयों में संपूर्ण पाठ्यक्रम के आधार पर पठन-पाठन होगा। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने कहा कि माध्यमिक स्कूल दो वर्षों के बाद अब नियमित दिनचर्या में आ गए हैं। ऐसे में अब कटौती का कोई औचित्य नहीं रह गया है