कानपुर देहात। मैथा स्थित बीआरसी परिसर में बने पुराने भवन में गुरुवार को आग लगने और किताबें व बैग जलने के मामले को प्रशासनिक और बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने गंभीरता से लिया है।
भवन में आग कैसे लगी और वहां किताबें व बैग क्यों रखे गए थे समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच के लिए जिले के तीन खंड शिक्षाधिकारियों की टीम गठित की गई है। इस पूरे मामले में मैथा ब्लॉक की खंड शिक्षाधिकारी से भी बीएसए ने रिपोर्ट तलब की है।
मैथा स्थित बीआरसी परिसर में बने पुराने भवन में गोदाम बना था। यहां बच्चों को बांटने के लिए आवंटित किताबें व बैग रखे थे। गुरुवार को संदिग्ध हालत में यहां आग लग गई थी। ग्राम प्रधान अखिलेश राठौर की सूचना पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने पानी की बौछार कर आग पर काबू पाया था।
तब तक सपा शासनकाल में बच्चों को बांटने के लिए आए बैग व किताबें जल गई थीं। आग से जले बैगों में सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की फोटो लगी है।
सवाल यह है कि सपा शासनकाल को गुजरे छह साल से अधिक का समय हो गया। तब आए स्कूली बैग आज तक बच्चों को क्यों नहीं बांटे गए। शासन की तरफ से बच्चों के लिए आईं किताबों को भी क्यों नहीं बांटा गया। जबकि सत्र समाप्त होने वाला है।
बीआरसी के पुराने भवन में षड्यंत्र के तहत आग लगाई गई या आग लगने की वजह कुछ और रही, इन सवालों का जवाब अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों के पास नहीं है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पांडेय ने बताया कि बीआरसी के पुराने भवन में आग लगने और किताबें व बैग जलने के प्रकरण की जांच के लिए सरवनखेड़ा, राजपुर और मुख्यालय के खंड शिक्षाधिकारी की संयुक्त टीम बनाई गई है। साथ ही मैथा ब्लॉक के खंड शिक्षाधिकारी से भी रिपोर्ट तलब की गई है। सभी की रिपोर्ट आने पर जिम्मैदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।