परिषदीय स्कूलों में फर्जी शिक्षकों की भर्ती समेत, शिक्षकों को अवकाश, चयन वेतनमान को एसीपी का लाभ देने और स्कूलों को मान्यता देने में घूस लेने वाले 25 खंड शिक्षा अधिकारियों व 6 लिपिकों के खिलाफ भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति की जांच की जाएगी। जिनमें हरदोई के दो बाबू भी शामिल है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन के एडीजी राजा श्रीवास्तव से महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने गोपनीय पत्र भेजकर जांच कराने की सिफारिश की है। इसके लिए बकायदा शिक्षकों से पहले फोन पर बातचीत करके उनसे फीड बैक लेने का बाद जब मामला सही पाया गया। तब महानिदेशक ने यह कदम उठाया है
हरदोई के बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात बाबू अनुपम मिश्रा और प्रवीण मिश्रा पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप है। फर्जी शिक्षक भर्ती के दौरान इनके ही द्वारा हेरफेर कर अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे थे। साथ ही मैटरनिटी लीव से लेकर, एरियर या सैलरी बहाली के मामले में दोनों बाबूओं ने जमकर भ्रष्टाचार किया। इसकी शिकायत भी कई बार बीएसए से लेकर शासन तक की गई। जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने इस मामले को लेकर गंभीरता दिखाई।
आय से अधिक संपत्ति
सरकार की जीरो टालरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के तहत परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यालयों में काम कराने के लिए घूस न देनी पड़े। इसके लिए विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से प्रत्येक ब्लाक में शिक्षकों से काल सेंटर के माध्यम से बात की गई। नाम गोपनीय रखा गया और उनसे फीडबैक लिया गया कि क्या विभागीय सेवाओं के नाम पर उनसे धन की अनुचित मांग की जाती है। क्या घूस न देने पर उनका शोषण किया जाता है और क्या सेवाओं में कटौती की जाती है। शिक्षकों के आरोपों को क्रास चेक करने के लिए विभाग ने गोपनीय जांच की तो उसमें भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई। साथ ही इनकी संपत्ति आय से कहीं अधिक है।
जांच की सिफारिश
जिसके बाद हरदोई के बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक अनुपम मिश्रा व कनिष्ठ लिपिक प्रवीन मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संगठन के एडीजी राजा श्रीवास्तव से जांच की सिफारिश की गई है।