लखनऊ, । परिषदीय स्कूलों में चल रही परीक्षा के आखिरी दिन राजभवन स्थित अपर प्राइमरी स्कूल (यूपीएस) समेत जिले के 12 प्राइमरी स्कूलों को विज्ञान की जगह संस्कृत का पेपर भेज दिया गया। जबकि शुक्रवार को विज्ञान की परीक्षा होनी थी। जूनियर हाईस्कूल के छठवीं के बच्चे परीक्षा कक्ष में पेपर मिलने का इंजतार कर थे। जब शिक्षक ने लिफाफा खोला तो भीतर संस्कृत का पेपर निकला। उस लिफाफे के ऊपर विज्ञान विषय लिखा था।
ऐसा सिर्फ राजभवन के स्कूल में नहीं बल्कि दर्जन भर स्कूलों में हुआ। जहां विज्ञान की जगह संस्कृत का प्रश्न पत्र लिफाफे में निकला। शिक्षकों ने अधिकारियों को सूचना दी। आनन फानन अधिकारियों ने व्हाट्सएप पर संस्कृत का प्रश्न पत्र स्कूलों को भेजा। शिक्षकों ने बोर्ड पर प्रश्न लिखकर बच्चों की परीक्षा करायी।
कक्षा छह में सुबह की पाली में विज्ञान का पेपर था। राजभवन स्थित अपर प्राइमरी, उदयगंज, पण्डितखेड़ा, तेलीबाग कम्पोजिट स्कूल समेत कई अन्य जूनियर स्कूलों में लिफाफे के भीतर विज्ञान की जगह संस्कृत के पेपर निकले हैं। गलत प्रश्न पत्र बंटने के चक्कर में करीब 40 मिनट देर से परीक्षा शुरू हुई। इस बार प्रश्न पत्रों में बड़ी गड़बड़ी और लापरवाही सामने आने से विभाग की बड़ी किरकिरी हुई है। छपाई से लेकर प्रश्न पत्र जांचने वाली कमेटी की भूमिका संदेह के घेरे में है। शुक्रवार को परीक्षा खत्म हो गई। 31 मार्च को परिणाम जारी होगा।
बता दें कि गुरुवार को कक्षा छह, सात व आठ के गणित और अंग्रेजी के प्रश्न पत्र में गलत और अधूरे सवालों ने बच्चों के साथ शिक्षकों को भी उलझाया। प्रश्न पत्र में करीब 20 सवाल गलत और अधूरे पूछे गए। शिक्षकों में खासी नाराजगी रही इससे। प्रश्न पत्र बनाने व छापने के बाद अधिकारियों ने बिना जांच के स्कूलों को दे दिये थे जिससे यह चूक होने की बात सामने आई।